बिहार के छपरा (Chapra) में हुई गैंगरेप (Gang Rape) की घटना ने एक बार फिर से दिल्ली के निर्भया कांड (Nirbhaya) के जख्मों को ताजा कर दिया है. छपरा में तीन हैवानों ने मिलकर न केवल एक नाबालिग (Minor Girl) से गैंगरेप किया, बल्कि हैवानियत की सारी हदों को पार करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट (Private Part) में भी लोहे की रॉड घुसा दिया. दिल को दहला देने वाली इस घटना के बाद पीड़िता के इलाज में भी लापरवाही बरतने की बात सामने आई है. गंभीर हालत में इलाज के लिए पटना (Patna) पहुंची पीड़िता को तीन घंटे के बाद मेडिकल की सुविधा मिल सकी. इन तीन घंटों तक वह तड़पती रही. पीड़िता के साथ पटना पहुंचे उसके परिजनों का आरोप है कि अस्पातल में उनको इलाज के लिए तीन घंटे तक इधर-उधर भटकना पड़ा. यहां तक की रेप पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराने में भी तीन घंटे का वक्त लगा, जबकि उसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई थी.
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