मध्य प्रदेश: सोती रही कांग्रेस सरकार, 13 दिन बाद मिले अगवा बच्चों के शव

सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में 12 फरवरी को चलती स्कूल बस से अगवा किए गए जुड़वाँ भाई श्रेयांश और प्रियांश रावत के शव 13 दिन बाद उत्तर प्रदेश के बबेरू से बरामद हुए हैं। एम पी पुलिस के एडिश्नल एसपी ने की इसकी पुष्टि की है।
बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए बाँदा ले जाया जा रहा है। इस वक़्त धार्मिक नगरी चित्रकूट में तनाव की स्थिति बनाई हुई है। जिसके चलते भारी पुलिस बल तैनाती की गई है। इस मामले में अब तक 5 आरोपियो के गिरफ्तारी की खबर है। जनकारी के मुताबिक इस अपहरण कांड में सद्गुरु ट्रस्ट के कर्मचारी और चित्रकूट ग्रामोदय यूनिवर्सिटी के छात्रो के शामिल होने की खबर है। इससे पहले अपह्रत किए गए दो जुड़वां भाइयों के मामले में पुलिस को सुराग मिले थे। पुलिस को यह जानकारी मिली थे कि किडनैपर उत्तर प्रदेश से हो सकते हैं। मामले में एमपी सरकार ने तत्काल यूपी सरकार के साथ मिलकर दल गठित कर दिया था।
दोनों बच्चों की उम्र 5 साल थी। वे छुट्टी के बाद चित्रकूट के स्कूल से सतना वापस आ रहे थे। उस दौरान बदमाशों ने स्कूल बस से अगवा कर लिया। पूरी वारदात बस में लगे सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुई थी। फुटेज में बदमाश रिवॉल्वर दिखाकर बच्चों का अपहरण करते नजर आए थे। पुलिस के मुताबिक- बदमाशों ने पहले बंदूक दिखाकर बस को रुकवाया और फिर दोनों बच्चों को बस से उठाकर ले गए। बच्चे चित्रकूट के सद्गुरु ट्रस्ट के एसपीएस स्कूल में पढ़ते थे।  गौरतलब है कि यह घटना 12 फरवरी को चित्रकूट में तब हुई जब बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश ने बस को रुकवाया और उस पर चढ़ गए, उसके बाद उन्होंने बंदूक की नोंक पर बच्चों का अपहरण किया। वारदात में साढ़े पांच लाख के इनामी अंतरराज्यीय गैंग सरगना बबुली कौल का हाथ होने की आशंका जताई जा रही थी। अपह्रत बच्चे पांच वर्षीय श्रेयांश और प्रियांश रावत जुड़वां भाई हैं और उनके पिता ब्रजेश रावत हिमशंकर विजय तेल के बड़े कारोबारी हैं।  प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बदमाशों ने पहले बस रुकवाई फिर हथियार लहराते हुए एक नकाबपोश बस में चढ़ा और दोनों बच्चों को उठाकर ले गया। बाद में बाइक में बच्चों को बैठाकर बदमाश भाग गए। वारदात के दौरान बस में अन्य बच्चे, चालक और कंडक्टर भी थे। लेकिन, बदमाशों के पास हथियार होने के चलते किसी ने भी घटना का विरोध नहीं किया।

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