EMI भरने का रास्ता साफ, घर या गाड़ी का कर्ज जल्द होगा कम

  • भारतीय रिजर्व बैंक के इस कदम से लोगों को लोन पहले से मिल सकता है सस्ता
  • आरबीआई ने इस साल लगातार तीसरे बार रीपो रेट में की है कटौती

आपका घर या गाड़ी का कर्ज जल्द सस्ता होना चाहिए। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर दम लगाया है कि लोन सस्ते हो जाएं। उसने गुरुवार को बैंकों के लिए अपनी ब्याज दर को घटाकर पिछले 9 साल में सबसे कम कर दिया है। इकॉनमी की मुश्किलों से जूझ रही मोदी की नई सरकार में बजट पेश होने से पहले यह बेहद जरूरी कदम समझा जा रहा था। रिजर्व बैंक ने यह संकेत भी दिया है कि भविष्य में ब्याज दरें और कम की जा सकती हैं।

छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। यहां उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंक कस्टमर्स को कम ब्याज का लाभ दें। बैंकरों ने हालांकि रिजर्व बैंक के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि इससे इकॉनमी का विकास होगा, लेकिन यह साफ नहीं किया है कि वे ब्याज दरें घटाएंगे या नहीं। वैसे लोन सस्ते हुए तो फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज दर कम हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने इस साल तीसरी बार ब्याज दर घटाई है। इससे पहले जब दो बार में 0.50 फीसदी की कटौती की गई, तो बैंकों ने 0.21 फीसदी का फायदा ही ग्राहकों को दिया, वह भी मोटे तौर पर नए ग्राहकों को।

RBI की मौद्रिक नीति के लिए बनी कमिटी के सभी 6 सदस्यों ने गुरुवार को एकमत से रीपो रेट में 0.25% की कटौती की। रीपो रेट वह दर है, जिस पर RBI दूसरे बैंकों को शॉर्ट टर्म कर्ज देता है। इसे इस साल 6.5% से कम कर 5.75% कर दिया गया है। इतनी दर इससे पहले 2010 में थी। रीयल एस्टेट इंडस्ट्री ने कहा है कि ब्याज दरें कम होने से घरों की डिमांड बढ़ेगी। जीएसटी में कटौती के बाद यह घर खरीदने का सही समय हो सकता है। गाड़ियों की बिक्री घटने से कंपनियों से ऑफर मिलने की संभावना बढ़ी है। ऐसे समझें…

कितनी कम हो सकती है आपकी ईएमआई?
बैंक घर, गाड़ी व अन्य लोन पर ब्याज दरें 0.25 फीसदी तक कम कर सकते हैं। अगर आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया है तो 8.50 फीसदी ब्याज पर 43,391 रुपये की ईएमआई होगी। अगर ब्याज दर 0.25 फीसदी कम हुई तो उसे 42,603 रुपये ईएमआई चुकानी होगी। यानी हर महीने 788 रुपये की बचत होगी।सस्ते लोन की जरूरत क्यों समझी जा रही है?
यह इसलिए जरूरी है कि आप सस्ता कर्ज लेकर कारोबार बढ़ाएं, घर और गाड़ी आदि पर खर्च करें। सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि देश की अर्थव्यवस्था में तेजी पिछले करीब पांच साल में सबसे कम है। बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर है। डिमांड कम होने से इंडस्ट्री में उत्पादन थम गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इकॉनमी को पटरी पर लाने का बड़ा दबाव है।

लोन सस्ता करने में अब तक देरी क्यों होती रही?
जमा राशियों पर ब्याज कम किए बिना लोन सस्ता नहीं हो सकता। जमा पर बैंकों की ब्याज दरें कम (औसतन 6.5 फीसदी) हैं, इसे और घटा दिया जाए तो मुश्किल होगी। पीपीएफ आदि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें 8 फीसदी के करीब हैं। बैंक कह चुके हैं कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें कम करनी होंगी।

क्या अब रिजर्व बैंक की चलेगी बैंकों पर?
यूं तो लोन सस्ता करने के लिए बैंकों पर रिजर्व बैंक दबाव नहीं डाल सकता। उसने पिछले तीन महीने के दौरान दो बार ब्याज दरों को कम कर इसका लाभ ग्राहकों को देने के लिए कहा। इसके बावजूद कुछ बैंकों को छोड़कर किसी ने लोन सस्ता नहीं किया। बैंकरों ने इस बार भी अपना रुख साफ नहीं किया है।

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