प्रयागराज. भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए बड़ा एक्शन लिया है. मुख्यमंत्री ने प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया है. आईपीएस अभिषेक दीक्षित पर अपराध नियंत्रण में नाकामी, क़ानून व्यवस्था में शिथिलता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. इसके अलावा शासन और पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का भी आरोप लगा है. साथ ही एसएसपी पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिए जाने का भी गंभीर आरोप है. बता दें कि 17 जून को पीलीभीत से उनका तबादला हुआ था और वह प्रयागराज के एसएसपी नियुक्त हुए थे. उन्हें डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.
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कोरोना महामारी के संबंध में भी शासन/मुख्यालय द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराए जाने हेतु दिए गए निर्देशों का जनपद में सही ढंग से पालन नहीं कराया गया, जिस पर हाईकोर्ट द्वारा भी नाराजगी व्यक्त की गई. गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि निलंबन की अवधि के दौरान अभिषेक दीक्षित, पुलिस महानिदेशक कार्यालय से संबद्ध रहेंगे.
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी बने प्रयागराज के नए एसएसपी
अभिषेक दीक्षित की जगह सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया है. बता दें शासन ने मंगलवार को 6 आईपीएस का ट्रांसफर किया है. देवेश कुमार पांडे पुलिस उपायुक्त लखनऊ बनाए गए हैं, जबकि अखिलेश कुमार निगम पुलिस अधीक्षक विशेष अनुसंधान शाखा सहकारिता लखनऊ नियुक्त हुए हैं. इसके अलावा उन्नाव रेप केस में लापरवाही की दोषी पाई गईं आईपीएस पुष्पांजलि सिंह को भी एसपी रेलवे गोरखपुर के पद से हटाते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक रेलवे लखनऊ बनाया गया है. डॉ. मनोज कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी लखनऊ, गंगा नाथ त्रिपाठी को पुलिस उपमहानिरीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ और अखिलेश कुमार निगम को पुलिस अधीक्षक विशेष अनुसंधान शाखा, सहकारिता लखनऊ में तैनाती दी गई है.
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