सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है या कबाड़खाना, कोरोना संक्रमण कैसे होगा काबू !

सोनू गोयल
यूनिक समय, कोसीकलां। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड। इस बोर्ड को देखकर हर कोई अच्छा हॉस्पीटल समझेगा। लेकिन आज सुबह कैमरा ने जिन तस्वीरों को कैद किया, उससे यह प्रतीत हो रहा है कि यह हास्पीटल कम कबाडखाना अधिक दिखाई देर रहा है। हैरत की बात तो यह कैमरा ने सब कुछ कैद किया, लेकिन जिले के अधिकारियों की नजरें इन नजारों को देख नहीं सकीं। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ शनिवार और रविवार को स्वच्छता अभियान पर जोर दे रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों के अंदर की तस्वीर यह बताने के लिए काफी है कि यहां सफाई होती ही नहीं है।

स्वास्थ्य केंद्र में एम्बुलेंस कबाड़े की तरह खड़ी है। हालात देखकर लग रहा है कि उनका काफी दिनों से प्रयोग हुआ ही नहीं है। रोगियों के साथ आने वाले तीमारदारों की प्यास बुझाने के लिए पानी की टंकी दिखाई देती है किंतु उसमें पानी न होना और उसके आसपास पेड़ होना लापरवाही की तस्वीर पेश कर रहा है। स्वास्थ्य केंद्र के अंदर कमरों में पड़े पलंगों पर बिखरे सामान ने सफाई पर व्यवस्था पर अंगुली उठा दी। स्टाफ अपने हाथों में गलब्स प्रयोग कर पलंग पर फेंक देता है। स्वास्थ्य केंद्र एक हिस्से में गोलियों के पत्ता, सिरिंज और खाली शीशियां खुले रुप में पड़ी हुई हैं। कोरोना संक्रमण फैलने के दौर में स्वास्थ्य केंद्र में सफाई रहनी चाहिए, पर सब कुछ उल्टा दिखाई दे रहा है।

ऐसी बात नहीं है कि यहां स्टाफ नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र में एमबीबीएस डाक्टर समेत करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारियों का स्टाफ है। यहां आने वाले तीमरदार यहां की हालात देखकर सोच में पड़ जाएंगे कि यह हास्पीटल है या कबाड़खाना। स्वास्थ्य केंद्र के हालातों पर डाक्टर्स से बातचीत करने की कोशिश की किंतु सब टाल मटोल करते नजर आए।

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