मंदिरों व संतों के आश्रमों में पहुंचकर किया भक्तों ने दानपुण्य, गहवरवन की परिक्रमा लगाने को उमड़े लाखों भक्त
मथुूरा। ज्येष्ठ शुक्लपक्ष की निर्जला एकादशी को भक्तों ने मंदिरों व संतों के आश्रमों में पहुंचकर दानपुण्य किया। महानगर वासियोंने में जगह—जगह ठंडे शर्बत की प्याऊ लगाई। वहीं श्रीधाम बरसाना में गहवरवन की परिक्रमा करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। भक्तों ने परिक्रमा लगाकर राधाजी के दर्शन व पूजा अर्चना की। वही बरसाना वासियों ने श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए जगह—जगह मीठे शर्बत की प्याऊ लगाई।
मान्यता है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत रहते समय अन्न, फल या जल का सेवन नही किया जाता । निर्जला एकादशी ग्रीष्म ऋतु में बड़े कष्ट और समस्या से निवारण के लिए की जाती है। इसका व्रत करने से व्यक्ति को आयु, आरोग्य तथा विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। गुरुवार के दिन महानगर के द्वारिकाधीश मंदिर, यमुना महारानी मंदिर विश्राम घाट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान, केशव गोडिया मठ, रंगेश्वर महादेव मंदिर, भतेश्वर महादेव मंदिर आदि में पहुंचकर भक्तों ने पूजा अर्चना की और दानपुण्य किया। यही हाल वृंदावन में दिखाई दिया। जहां भक्तों ने बांके बिहारी मंदिर, राधाबल्लभ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना की।
निर्जला एकादशी के पर्व को लेकर ब्रज की महारानी श्री राधारानी के धाम बरसाना में श्रद्धालुओं का जनसैलाब सुबह से उमड़ पड़ा ।
श्रद्धालुओ ने बरसाना धाम साथ गहवरवन की परिक्रमा कर श्री राधारानी के दर्शन कर अपने आपको धन्य किया। बरसाना धाम में निर्जला एकादशी पर राजस्थान हरियाणा दिल्ली सहित दूरदराज के लाखों लोग भारी संख्या में परिक्रमा लगाने के लिए पहुंचे ।वही बरसाना कस्वे के लोगों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भंडारे और पानी की प्याऊ लगाकर पुण्य के भागी बने । वही पुलिस प्रशासन के भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे । श्रद्धालुओं की भीड़ से कस्बे बाजार में जाम के हालात पैदा हो गये।
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