कब्ज में अमरूद: अन्य फलों की तुलना में अमरूद में फाइबर ज्यादा होता है। एक अमरूद में 12 प्रतिशत फाइबर होता है जो इसे पाचन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद बनाता है। ये पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाने के साथ, बॉवेल मूवमेंट को तेज करता है और कब्ज से बचाता है। कब्ज में खाली पेट नमक लगाकर अमरूद खाएं।
डायबिटीज में अमरूद: अमरूद में फाइबर और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फ्रूट है जो कि डायबिटीज को रोकने में मददगार है। ये शुगर स्पाइक को रोकता है और डायबिटीज में कब्ज की समस्या को रोकता है। पर ध्यान रखें कि डायबिटीज में थोड़ा कच्चा और ज्यादा बीज वाले अमरूद को काला नमक लगा कर खाएं।
ब्लोटिंग में: महिलाओं में ब्लोटिंग की समस्या बहुत होती है। खासकर कि ये पीरियड्स के आस-पास बहुत परेशान करता है। ऐसे में काला नमक लगाकर दिन में अमरूद खाना , पेट में सूजन को कम करके ब्लोटिंग की समस्या समस्या को कम कर सकता है।
दिल की बीमारियों में अमरूद: अमरूद में सोडियम और पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है जो कि ब्लड वेसेल्स को हेल्दी रखने और बीपी की समस्या को बैलेंस रखने में मदद करता है। साथ ही यह फल गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और दिल को हेल्दी रखता है।
मोटापे की बीमारी में अमरूद: अमरूद फाइबर से भरपूर और कैलोरी में कम होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे आपको पूर्ण महसूस करने और वजन घटाने में सहायता कर सकते हैं। साथ इसका फाइबर मेटाबोलिक रेट बढ़ा कर बैली फैट कम करने में मदद करता है।
सर्दी और खांसी में अमरूद: सर्दी और खांसी में अमरूद पका कर खाएं। ये बहुत कारगर तरीका है। अमरूद विटामिन सी से भरपूर है जो कि खांसी और जुकाम को दूर करने में मददगार हो सकता है। यह बलगम से छुटकारा दिलाता है और श्वसन पथ, गले और फेफड़ों को साफ करके इस समस्या को कम करता है।
आई साइट कमजोर होने पर अमरूद: अमरूद के फल में विटामिन ए होता है जो किसी व्यक्ति की आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। अमरूद खाने से न केवल खराब दृष्टि को रोकता है बल्कि आपको मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से भी बचाता है।
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