हाजीपुर। यहां कोनहारा घाट पर एक अधजले शव पाए जाने और उसे कुत्ते और कौवे द्वारा निवाला बनाए जाने की खबर से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वही कोरोना मरीज का अधजला शव है जिसे गुरुवार को यहां दाह संस्कार के लिए लाया गया था, लेकिन उसे अधजला स्थिति में छोड़ दिया गया, जिसके चलते कुत्ते और कौवे अपना निवाला बनाते नजर आए. झुंड में कौवों और कुत्तों द्वारा शव को निवाला बनाये जाने पता चलते ही मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई और इसको लेकर स्थानीय लोगो ने हंगामा भी किया।
कोनहारा घाट पर अपनी दुकान चलाने वाली कुंती देवी ने बताया कि कोरोना मरीज की डेड बॉडी को यहीं पर जलाया गया, लेकिन वह पूरी तरह नहीं चल पाया जिसके चलते उसे कौवे और कुत्ते नोच नोच का खाते नजर आए. वहीं काफी देर बाद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी तो सदर हॉस्पिटल से स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. लेकिन, प्रशासन ने यह कहते हुए स्थानीय लोगों के दावों को सिरे से खारिज कर दिया कि कथित कोरोना मरीज के शव का अवशेष नहीं है।
सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन ने कहा कि कोरोना मरीज के डेड बॉडी का दाह संस्कार कल कर दिया गया था. जो शव का टुकड़ा वहां देखा गया है और जिसे कुत्ते और कौवे निवाला बनाते नजर आए हैं वह उस कोरोना मरीज नहीं है बल्कि वह किसी किसी अन्य शव का टुकड़ा हो सकता है।
बिहार के वैशाली में शव को खा रहे थे कुत्ते
सिविल सर्जन ने कहा कि ग्रामीणों के हंगामा किए जाने के बाद उनकी संतुष्टि के लिए कथित शव के टुकड़े जलाने का आदेश दिया गया है, जिसके बाद कोनहारा घाट पर कथित शव के टुकड़ों को प्रशासन द्वारा जला दिया गया. बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोनहारा घाट पर तरह-तरह की चर्चाएं होती रही और स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर मामले को लीपापोती करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि 2 दिन राजकीय अंबेडकर आवासीय बालिका विद्यालय में बनए गए क्वारंटाइन सेंटर में जांच रिपोर्ट आने से पहले पटेढ़ी बेलसर के रहने वाले प्रवासी मजदूर राजेश कुमार जो नोएडा से आया था ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसकी मौत के बाद उसका रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आया था जिसके बाद प्रशासन की देखरेख में कल उसका कोनहारा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया था।
Leave a Reply