धोनी पर भड़के कई पूर्व क्रिकेटर, विराट कोहली ने किया बचाव !

नई दिल्ली। इंडिया की इंग्लैंड के हाथों हार के बाद महेंद्र सिंह धोनी पूर्व क्रिकेटरों के निशाने पर हैं। इंडिया के सामने 338 रन का लक्ष्य था लेकिन वह पांच विकेट पर 306 रन ही बना पाया. धोनी 31 गेंदों पर 42 और केदार जाधव 13 गेंदों पर 12 रन बनाकर नाबाद रहे थे। मैच की कमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बल्लेबाजी रवैये पर सवाल उठाए. ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या के आउट होने के बाद भारत को आखिरी पांच ओवरों में 71 रन चाहिए थे. सभी की निगाह सर्वश्रेष्ठ फिनिशर रहे धोनी और केदार जाधव पर टिकी थी लेकिन वे टीम को पांच विकेट पर 306 रन के स्कोर तक ही पहुंचा पाए.

Dhoni and Kedar

‘आखिर में 5 विकेट बचाने का क्‍या मतलब’
गांगुली ने कहा, ‘यह मनोदशा और मैच को लेकर आपकी सोच से जुड़ा है. संदेश साफ होना चाहिए था, चाहे जैसे भी हो और चाहे गेंद जहां भी पड़े आपको चौका या छक्का लगाना ही होगा. मेरे पास इसके लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं हैं. मैं इन एक-एक रन के बारे में नहीं बता सकता. लेंथ और उछाल ने भी भारतीय बल्लेबाजों को गच्चा दिया. आखिर में 5 विकेट बचाकर आप 338 का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते.’

टीम इंडिया के रवैये से फैंस हैरान: नासिर
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भारतीयों के रवैये को देखकर प्रशंसकों को निराशा हुई होगी. हुसैन ने कमेंट्री करते हुए कहा, ‘मैं बहुत हैरान हूं. क्या चल रहा है. भारत ऐसा नहीं चाहता है. उसे रन की जरूरत है. वे क्या कर रहे हैं. कुछ भारतीय प्रशंसक स्टेडियम से निकलने लग गए हैं. निश्चित तौर पर वे धोनी से बड़े शॉट चाहते हैं. यह वर्ल्‍ड कप का मैच है. दो चोटी की टीमें खेल रही हैं. भारतीय प्रशंसक चाहते हैं कि उनकी टीम कुछ और प्रयास करे. जीत के लिए जोखिम ले.’

पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी हुसैन की हां में हां मिलाई. मांजरेकर ने कहा, ‘अगर कोई टीम भारत के विजय अभियान को रोक सकती थी तो वह इंग्लैंड थी. हालांकि आखिरी ओवरों में धोनी का रवैया हैरान करने वाला रहा.’

कोहली ने किया बचाव
कोहली ने आलोचनाओं के बावजूद धोनी का बचाव किया और कहा कि मैच के आखिर में विकेट धीमा हो गया था जिस पर शॉट लगाना मुश्किल था. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि धोनी ने बाउंड्री लगाने के लिए काफी कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इंग्लैंड ने सही क्षेत्र में गेंदबाजी की और गेंद रुककर आ रही थी. इसलिए आखिरी क्षणों में रन बनाना मुश्किल हो गया था.’

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