आगरा के इरादतनगर क्षेत्र से अगवा किए गए पिता-पुत्र 15 दिन घर वापिस हुए। पुलिस का दावा है कि घेराबंदी के बाद अपहरणकर्ता उन्हें छोड़कर भाग गए। अपहरणकर्ताओं को नहीं पकड़ा जा सका। उन्हें चंबल के बीहड़ में रखा गया था। गैंग को चिह्नित कर लिया गया है।
20 अप्रैल को कछपुरा पुसैता, इरादतनगर निवासी दिनेश पुत्र फतेह सिंह और उनके आठ साल के बेटे कृष्णा का अपहरण कर लिया गया था। उनकी बाइक ग्राम छक्कन गढ़ी, थाना इरादतनगर और मंदिर के बीच सड़क पर मिली। 22 अप्रैल को अपहरणकर्ताओं ने 60 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। दोनों को सकुशल बरामद करने के लिए पुलिस और एसटीएफ लगी थी।
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि अपहरण करने वालों के तार राजस्थान और मध्य प्रदेश के धौलपुर और मुरैना से संचालित गैंग से जुड़े थे। फिरौती की मांग धौलपुर और मुरैना क्षेत्र से की गई। इस पर राजस्थान पुलिस से संपर्क किया गया। संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया।
पुलिस लगातार कर रही थी घेराबंदी
गैंग की लगातार घेराबंदी की जा रही थी। इस कारण वह अपनी स्थिति लगातार बदल रहे थे। पुलिस टीमों ने मुरौली, मुरैना, अंबाह, सैंया, खेरागढ़ आदि इलाकों में कांबिंग की। सोमवार को अपहरणकर्ता पिता-पुत्र को कहीं और ले जाने वाले थे।
इसकी जानकारी पर पुलिस ने घेराबंदी कर ली। इस पर अपहरणकर्ता मनिया क्षेत्र में उटंगन नदी के किनारे अपहृत पिता-पुत्र को बंधा हुआ छोड़कर भाग गए। कृष्णा ने पुलिस को देख लिया। वह पुलिस के पास आ गया। गैंग को चिह्नित कर लिया गया है।
50 फुट के टीले पर रखे थे पिता-पुत्र
दिनेश की इरादतनगर में दुकान है। घटना वाले दिन बेटे कृष्णा के साथ दुकान बंद कर बाइक से घर आ रहे थे। तभी अपहरणकर्ताओं ने बोलेरो से टक्कर मारकर गिराया। दोनों को बोलेरो में सीट के नीचे डाल लिया। उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी। दिनेश बेहोश हो गए। एक घंटे बाद होश आया।
पिता-पुत्र को बीहड़ में 50 फुट ऊंचे मिट्टी के टीले पर रखा। दो से चार अपहरणकर्ता निगरानी करते थे। दिन में टीले से नीचे लेकर आते थे। खाना खिलाने के बाद रात में टीले पर ले जाते थे। उन्हें रखने के दौरान एक-दो बार नहलाया भी। एक व्यक्ति खाना लेकर आता था।
पुलिस टीम चंबल किनारे के गांवों में गई थी। टीम ने अपने वेशभूषा भी बदल ली थी। वो बिल्कुल ग्रामीणों के कपड़े पहनने लगे थे। कुछ लोगों ने उनसे पूछा भी। इस पर बताया कि वो एक प्रत्याशी के रिश्तेदार हैं। गांव के मंदिर में मन्नत मांगने के लिए आए हैं। इससे किसी को शक नहीं हुआ।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिता-पुत्र के अपहरण में धौलपुर, राजस्थान के एक गैंग का हाथ है। गैंग के सरगना की मौत हो चुकी है। अब उसका भाई गैंग की कमान संभाले हुए है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के चंबल नदी के किनारे के 12 से अधिक गांव में कई गैंग सक्रिय हैं।
गैंग के सदस्य पकड़ को अपने पास रखने से लेकर पुलिस के बारे में बदमाशों को सूचना देते हैं। स्थानीय पुलिस के पास भी गैंग की जानकारी नहीं होती है। कई बार पुलिस हाथ नहीं डालती है।
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