भारतीय रेलवे एक बार फिर श्री रामायण एक्सप्रेस ट्रेन चलाने जा रहा है। यह ट्रेन 3 नवंबर को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से रवाना होकर 16 दिनों में भारत और श्रीलंका की यात्रा पूरी करेगी और भगवान राम से जुड़ी जगहों पर श्रद्धालुओं को लेकर जाएगी। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ ट्रेन में एक टूर मैनेजर भी होगा जो गाइड की भूमिका में भी होगा और यात्रियों को तमाम जानकारियां उपलब्ध कराएगा। ट्रेन के 800 यात्रियों में 40 यात्री श्रीलंका भी जाएंगे। यह ट्रेन रेलवे की कंपनी आईआरसीटीसी के संचालन में चलाई जाएगी।
ऐसी होगी श्री रामायण एक्सप्रेस की यात्रा
श्री रामायण एक्सप्रेस की यात्रा दो भागों में होगी। एक भारत में और दूसरा श्रीलंका में, इस टूर के श्रीलंका भाग का शुल्क अलग होगा। इस यात्रा में भारत से श्रीलंका की उड़ान की भी व्यवस्था है। रामायण एक्सप्रेस का सफर कुल 16 दिनों का होगा। इस ट्रेन में 800 मुसाफिर सफर कर पाएंगे जिनमें से 40 श्रद्धालु श्रीलंका तक की यात्रा करेंगें।
भारत में यह ट्रेन अयोध्या, नंदीग्राम, जनकपुर, वाराणसी, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम के दर्शन कराएगी। श्रीलंका तक जाने वाले श्रद्धालु कोलंबो, कैंडी, नुवारा एलिया के दर्शन भी कर पाएंगे।
पिछले साल भी चली थी ट्रेन
पिछले साल भी 14 नवंबर को दिल्ली से और 22 नवंबर को जयपुर से यह ट्रेन चलाई गई थी। दिल्ली से चलने वाली 800 सीटों वाली इस ट्रेन की सभी सीटें बुक हो गई थीं। पिछले साल भारत में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ट्रेन का किराया 15120 रखा गया था, वहीं श्रीलंका तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए किराया 36970 रुपये था। उम्मीद है कि इस बार भी यात्रा पर भी करीब इतना ही खर्च होगा।
यात्रा के दौरान उच्च दर्जे की सुरक्षा व्यस्था का इंतजाम रहेगा और टूर मैनेजर श्रद्धालुओं के साथ रहेंगे जो यात्रियों को हर तीर्थ स्थान का विवरण सुनाएंगे। हालांकि पिछली यात्रा के दौरान डब्बों की खस्ता हालत की वजह से मुसाफिरों ने काफी शिकायत की थी। बाद में यात्रा के दौरान ट्रेन के कुछ डब्बे बदले गए थे।
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