नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा अपने चरम पर है। हर किसी की निगाहें इसी बात पर टिकी हुई हैं कि आखिर दिल्ली की जनता इस बार किस पार्टी पर अपना भरोसा जताएगी। इस बीच 8 फरवरी को वोटिंग से पहले सभी प्रमुख सियासी दल जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। उनकी कोशिश अपना-अपना जनाधार मजबूत करने पर है। इस पूरी कवायद के बीच सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी रणनीतिक कामयाबी मिली है। दिल्ली में वोटिंग से ठीक पहले अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने AAP को समर्थन का ऐलान कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस के बाद अब राष्ट्रीय लोकदल दूसरी बड़ी पार्टी है जिसने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को समर्थन देने का ऐलान किया है।
रालोद का AAP को समर्थन का ऐलान
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह ने लिया है। पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को पत्र भेजकर कहा है कि राष्ट्रीय लोकदल दिल्ली चुनाव में सभी 70 सीटों पर आम आदमी पार्टी का समर्थन करेगी। इससे पहले बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को सपोर्ट का ऐलान किया था। टीएमसी के दिग्गज नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक बयान जारी करके न केवल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बल्कि आम आदमी पार्टी के सभी प्रत्याशियों को वोट देने की अपील की है।
अजित सिंह ने पत्र लिखकर केजरीवाल को दिया सपोर्ट
वहीं दिल्ली में चुनाव प्रचार अब अपने आखिरी दौर में है। 8 फरवरी को वोटिंग के बाद सभी की निगाहें 11 फरवरी पर होंगी जब वोटों की गिनती होगी। इस बीच टाइम्स नाउ की ओर से कराए गए पोल में सामने आया है कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली में वापसी करती हुई नजर आ रही है। पोल में अनुमान जताया गया है कि आम आदमी पार्टी 70 सदस्यीय विधानसभा में 54-60 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है, जबकि भाजपा को 10 से 14 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस को 0 से दो सीटें मिलने का अनुमान है। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
चुनाव से पहले आए सर्वे में AAP को इतनी सीटों का अनुमान
चौंकाने वाली बात यह है कि इस पोल के मुताबिक, अगर अभी लोकसभा चुनाव हों तो बीजेपी राजधानी में सभी सात सीटें जीतेगी, जैसा कि पिछले साल हुआ था। IPSOS के पोल ने AAP को बीजेपी के 34% के मुकाबले 52% वोट शेयर दिया है। यानी आप बीजेपी पर 18 फीसदी वोटों की बढ़त बना सकती है। ये वोट शेयर 2015 के विधानसभा चुनावों में मामूली बदलाव दर्शाते हैं। इसके मुताबिक AAP को 2.5 प्रतिशत वोट का नुकसान और भाजपा को 1.7 प्रतिशत वोट का फायदा हो सकता है।
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