संवाददाता
यूनिक समय, वृंदावन। माघ माह की एकादशी पर परिक्रमा देने वालों की लाइन टूटने का नाम नहीं ले रही थी। परिक्रमा मार्ग में कहीं हरिनाम संकीर्तन की गूंज सुनाई दे रही थी तो कहीं भजन गीतों पर महिलाएं थिरकते हुए आगे बढ़ती नजर आ रही थी। परिक्रमा देने वालों की मानव श्रंखला ऐसी बन गई कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी।
इन श्रद्धालुओं को डर लग रहा था तो परिक्रमा में चलने वाले बड़े वाहनों से। कुंभ मेला क्षेत्र में नए घाट का नजारा तो देखने लायक था। यहां क्या बच्चे, क्या पुरुष क्या महिलाएं हर कोई यमुना में डुबकी लगाने के लिए लालयित नजर आया। किसी श्रद्धालु ने दं़डौती परिक्रमा लगाई।
सुबह से वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा मार्ग में भक्ति की धारा में हर कोई शामिल होने के लिए नजर आया। जिसने जहां से परिक्रमा उठाई, उसने वही खत्म की। रास्ते भर में भक्ति के रंगे में रंग भक्तों के कदम आगे बढ़ते नजर आए।
चीर घाट पर परिक्रमार्थियों ने यमुना महारानी की दीपक आरती की और डुबकी लगाई। बीच रास्ते में कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक भक्ति के कुंभ मेला में परिक्रमार्थी प्रवेश कर गए। यहां भी संतों के दर्शन करने के लिए शिविरों में श्रद्धालु गए। मेला क्षेत्र का सबसे अद्भुत नजारा नए घाट पर दिखाई दिया। यहां यमुना में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु लालयित नजर आए। यह किसी ने आस्था और भक्ति के साथ यमुना में डुबकी लगाई।
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