कान्हा के दर से भूखे लौटेंगे भक्त

नई व्‍यवस्‍था कहीं बन न जाए श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत
— नियमों में बदलाव से उत्पन्न हुआ संकट
— जन्मभूमि से 800 मीटर के दायरे में नहीं लगेंगे भंडारे
— अभी तक आए सिर्फ पांच आवेदन, अनुमति किसी को नहीं
मथुरा। अजन्मे कान्हा के भक्त देश के कौने से यहां श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए आ रहे हैं, लेकिन इस बार जब जन्मोत्सव में शामिल होने देश दुनिया से लाखों भक्त श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचेंगे तो उन्हें अपने पेट भरने के लिए खाने की व्यवस्था घर से करके लानी होगी। प्रशासन द्वारा नियमों में किए गए बदलाव से अब तक एक भी भंडारे के लिए अनुमति नहीं दी गई है। पिछले वर्षो तक आलम यह था कि जन्मस्थान को जाने वाले हर मार्ग पर भंडारों की कतारें लगती थीं। यहां पर श्रद्धालुओं को तरह-तरह के पकवान भी खिलाए जाते थे। देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा की होड़ लगी रहती थी। सेवा भाव की ये परंपरा लंबे समय से चली आ रही है।
जन्माष्टमी पर इस बार श्रद्धालुओं को ऐसा प्रसाद शायद ही मिल पाए। कारण, प्रशासन ने सफाई और सुरक्षा का वास्ता देकर भंडारे लगाने के नियमों में काफी बदलाव किया है। नए नियमों के तहत जन्मस्थान से 800 मीटर दायरे में तो कोई भंडारा नहीं लग पाएगा। प्रमुख चौराहों और करीब एक दर्जन स्थानों पर सजने वाले सांस्कृतिक मंचों के आसपास भी भंडारे की अनुमति नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं, इस बार अनुमति के लिए शुल्क 21 सौ से बढ़ाकर 51 सौ रुपये कर दिया गया है। नए नियम से करीब आधा शहर में तो भंडारे लगने की संभावना ही नहीं है। शनिवार को जन्माष्टमी है, लेकिन मंगलवार की दोपहर तक केवल पांच आवेदन ही आए हैं। हालांकि इनमें से भी किसी को अनुमति नहीं मिली है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने की संभावना है। प्रशासन चाहता है कि रामलीला मैदान और जन्मभूमि के आसपास मुख्यमंत्री को गंदगी नहीं दिखनी चाहिए। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसी कारण भंडारों की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बाक्स—
निर्धारित नियमों पर ही लगेंगे भंडारे

मथुरा। संयुक्त नगर आयुक्त अजीत कुमार ने बताया कि सुरक्षा सफाई के कारण जन्मभूमि के आसपास भंडारे की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासन द्वारा तय नियम के आधार पर ही समाजसेवी भंडारे लगा सकेंगे।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*