महराष्ट्र में जबसे शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस और NCP के साथ सरकार में आयी तब से लगातार उसके हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगता आया है। इस समय महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की मांग को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री और चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को इस मसले पर पत्र लिखा है। महाराष्ट्र सरकार के मंदिरों को न खोलने के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए राज ठाकरे ने कहा है कि क्या सरकार हिंदू भावनाओं के प्रति बहरी हो चुकी है या फिर हिन्दू विरोधी हो चुकी है?
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आपको बता दे राज ठाकरे ने अपने पत्र में लिखा, ‘मुझे आश्चर्य है कि सरकार सोई हुई है या अचरज में है और हिंदुओं की भावनाओं के प्रति वो बहरी हो चुकी है। राज ठाकरे ने सरकार से मंदिरों को खोलने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो लोग सारे प्रतिबंध भूलकर अपने भगवान के दर्शन के लिए मंदिर की ओर मार्च करेंगे।’
AIMIM और वंचित बहुजन अघाड़ी ने किया प्रदर्शन
बता दे की इससे दो दिन पहले AIMIM सांसद इम्तियाज जलील और वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश जावड़ेकर ने राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए सरकार के सामने प्रदर्शन शुरू किया है।
‘मंदिरों को खोलने में विरोध क्यों?’
राज ठाकरे ने लिखा है कि अनलॉक 1, 2, 3 की प्रक्रिया के दौरान कई नियमों में राहत दी गई है, शॉपिंग मॉल दोबारा खोले गए हैं और 100 लोगों तक को पब्लिक गैदरिंग की भी इजाजत दी गयी है। साथ ही राज ठाकरे ने मंदिरों को खोलने के लिए प्रोटोकॉल सेट करने की सलाह देते हुए कहा, ‘इन सबके बीच भक्तों को उनके भगवान से अभी भी दूर रखा जा रहा है। मंदिरों को फिर से खोलने के लिए ऐसा विरोध क्यों है?’
शिवसेना ने बीजेपी पर किया था पलटवार
बताते चले की महाराष्ट्र में विपक्षी दल बीजेपी ने राज्य में धार्मिक स्थल फिर से खोलने की मांग को लेकर पिछले हफ्ते मंदिरों के बाहर प्रदर्शन भी किया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि लोग जानते हैं कि मंदिर खुलने के बाद शारीरिक दूरी का किस तरह से पालन करना है। इस पर शिवसेना ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर कोरोना संक्रमण के मामलों में दोबारा विस्फोटक वृद्धि हुई तो क्या वह इसकी जिम्मेदारी लेगी?
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