चर्चा: क्वारनटीन, आइसोलेश, ट्रांसमिशन सहित कोरोना से जुड़े 9 शब्दों के सही अर्थ और भ्रम

नई दिल्ली। कोविड—19 के दौरान कुछ शब्द काफी प्रचलित हुए हैं। ये शब्द पहले भी थे लेकिन इनकी चर्चा इतनी नहीं होती थी। अंग्रेजी के इन शब्दों के अर्थ में भ्रम भी बहुत है जिनके बारे में लोग जानना चाहेंगे। इन्ही कुछ शब्दों में बारे में यहां जानकारी दी जा रही है।

क्वारनटीन और आइसोलेशन- इन दोनों शब्दों का संबंध कोविड-19 से है और इसका सीधा मतलब स्टे एट होम या घर में बने रहना। क्वारनटीन में किसी कोविड मरीज के संपर्क में आए व्यक्ति को अन्य लोगों के संपर्क में आने से रोक दिया जाता है। क्वारनटीन का एक मतलब ये भी है कि वैसे लोग घरों में या किसी संस्थागत क्वारनटीन में रहेंगे जो किसी कोविड मरीज के संपर्क में आए हैं लेकिन उनमें कोरोना का कोई लक्षण सामने नहीं आया है। ऐसे लोग अपने घर के बाकी सदस्यों से 14 दिन अलग-थलग रहेंगे।

आइसोलेशन का मतलब किसी संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्ति को स्वस्थ लोगों के संपर्क में आने से रोक दिया जाता है। कोविड-19 की भाषा में इसे कहें तो कोरोना संक्रमित मरीज को स्वस्थ लोगों से दूर रखा जाता है ताकि बाकी लोग संक्रमित न हो सकें। आइसोलेशन में रहने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है और वह अपने घर के स्वस्थ लोगों से दूर रहता है। क्वारनटीन में 14 दिन का स्टे एट होम होता है जबकि आइसोलेशन में ऐसा नहीं है।

कम्युनिटी स्प्रेड और ट्रांसमिशन- कोरोना के संबंध में ट्रांसमिशन का टेक्निकल अर्थ है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच कोविड-19 बीमारी का प्रसार होना। कोरोना का यह संक्रमण बीमार व्यक्ति से संपर्क, उसकी छींक और खांसी से निकले ड्रॉपलेट से फैलता है। ट्रांसमिशन में बीमारी के सोर्स का पता होता है कि किसके द्वारा किसमें बीमारी फैली।

इसके विपरीत कम्युनिटी स्प्रेड किसी खास आबादी में फैलती है और उसके सोर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। कोविड-19 महामारी में संक्रमण तेजी से फैलता है। शुरुआती स्तर पर इसका सोर्स तो पता चल जाता है लेकिन कम्युनिटी स्प्रेड होने पर इसके सोर्स की जानकारी मिलना मुश्किल है।

वेंटिलेटर और रेस्पिरेटर- वेंटिलेटर को मेकेनिकल वेंटिलेटर भी बोलते हैं। यह प्रकार की मशीन है जो हॉस्पिटल में सेट की जाती है। यह मशीन किसी मरीज के एयरवेज या सांस की नली में ऑक्सीजन की सप्लाई करती है। कोरोना के दौरान इस मशीन की अहमियत और बढ़ गई है क्योंकि इसके मरीजों को सांस लेने में काफी दिक्कत आती है।

वेंटिलेटर के विपरीत रेस्पिरेटर पर्सनल प्रोटेक्टिव किट या पीपीई का हिस्सा है जिसे नाक या मुंह पर धारण किया जाता है। रेस्पिरेटर का मकसद एयरबोर्न पार्टिकल्स (कोरोना के वायरस आदि), गैस और वेपर से बचाना है। एन95 मास्क इसी रेस्पिरेटर के अंतर्गत आता है जिसे हेल्थकेयर पर्सनल को पहनने की सलाह दी जाती है। आम लोगों को इसके इस्तेमाल की मनाही की जाती है ताकि मेडिकल प्रोफेशनल्स को इसकी कमी न हो।

एपिडेमिक, पेनडेमिक और एनडेमिक- इन तीनों शब्दों का संबंध महामारी से है लेकिन कुछ टेक्निकल अंतर है. एपिडेमिक तब फैलती है जब एक सीमित आबादी या क्षेत्र में सामान्य से ऊपर रोगों के मामलों में वृद्धि होती है (उदाहरण के लिए किसी एक देश में फैला संक्रमण). यदि यह कई अलग-अलग देशों या महाद्वीपों में कोई बीमारी फैलती है तो वह पेनडेमिक है. इस श्रेणी में कोविड-19 बीमारी आती है. एनडेमिक को किसी निश्चित स्थान तक सीमित माना जाता है जो किसी खास आबादी में फैलती है. फ्लू अमेरिका में एनडेमिक वायरस है और कहा जा रहा है कि एक बार वैक्सीन व्यापक रूप से उपलब्ध हो जाने के बाद कोविड-19 भी एनडेमिक हो जाएगा।

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