बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शहीद हुए बीएसएफ के जवान विजयभान यादव के गांव चमरौली में शुक्रवार को चूल्हे नहीं जले। शहीद की पत्नी और बच्चों के आंसू नहीं थम रहे हैं, वहीं हर ग्रामीणों की जुबान पर विजयभान की बहादुरी के चर्चे हैं।
पूरा गांव बेसब्री से वीर जवान विजयभान के शव आने का इंतजार कर रहा है। शहीद विजयभान का शव शनिवार दोपहर बाद तक गांव पहुंच सकता है। प्रशासन की ओर से सीओ, तहसीलदार शिकोहाबाद ने गांव में जाकर परिजनों से बात की। परिजनों को ढांढस बंधाया।
गुरुवार को बांग्लादेश सीमा पर बार्डर गार्ड ऑफ बांग्लादेश (बीजीबी) की टीम द्वारा पीछे से की कई फायरिंग में बीएसएफ की 117 वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल विजयभान सिंह यादव (52) पुत्र सुंदर सिंह यादव शहीद हो गए थे, जबकि उनका साथी राजवीर घायल हो गया।
गांव में नहीं जले चूल्हे
विजयभान के शहीद होने के बाद गांव चमरौली में कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। शहीद की पत्नी सुनीता देवी और मां फूलवती का रो-रोकर बुरा हाल है। दोनों बेटों के भी आंसू नहीं थम रहे हैं। शहीद विजयभान यादव के बड़े भाई सत्यभान यादव (रिटायर्ड फौजी) ने बताया कि शनिवार को दोपहर तक शव आने की उम्मीद है।
शिकोहाबाद के तहसीलदार सत्यप्रकाश ने बताया कि शहीद की अंत्येष्टि के लिए जगह की बात उनके भाई रिटायर्ड फौजी से हुई थी। उन्होंने अपने खेत पर ही अंत्येष्टि करने की बात कही। शहीद के लिए सरकारी जमीन मुहैया कराने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी।
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