नई दिल्ली। आज अक्षय तृतिया है। इस मौके पर बाजार से लेकर लोगों के घरों में रौनक देखते बन रहा है। लोग अपने-अपने तरीके से खरीददारी और अपने अराध्य की पूजा अर्चना में जुटे हैं। अक्षय तृतीया पर इस बार सैंकड़ों साल बाद शुभ योग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर इस बार सैंकड़ों साल बाद शुभ योग बना है। इस दिन को पूरे साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है।
अक्षय तृतीया की शुरुआत रात्र 3.45 बजे से हो गई है जो आज रात 1.45 बजे समाप्त होगा। मान्यता के मुताबिक कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण में मेष राशि में सूर्य के होने पर सतयुग का प्रारंभ हुआ। भविष्य पुराण के अनुसार त्रेता युग का प्रारंभ भी इसी दिन हुआ था। इसी दिन बद्रीनाथ धाम में नर-नारायण का अवतार हुआ था। जानकारों के मुताबिक आज सूर्योदय के समय सूर्य मेष राशि में है। कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण में है और सूर्य मेष राशि में हैं। ऐसा संयोग सैकड़ों वर्ष बाद आता है।
कृतिका नक्षत्र के प्रथम चरण में सूर्य मेष राशि में होने के कारण फलदायिनी योग बन रहा है। अक्षय तृतीया के दिन पिंड के बिना भी श्राद्ध करने का विधान है। गंगा और तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है। इसलिए जल से भरा कलश, पंखा, जूता, भूमि और गोदान का महत्व है।
अक्षय तृतीया को गंगा स्नान करना पुण्यकारी माना गया है। जिसके कुंडली में पितर दोष है, वे पितरों का पिंडदान, तर्पण कर सकते हैं। अक्षय तृतीया को सोना खरीदना, जमीन खरीदना, गृह प्रवेश, नया व्यापार करना, तीर्थयात्रा बहुत ही शुभ माना है।
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