दोस्ती का दर्दनाक अंत: डॉक्टर और महिला कर्मचारी का खड़ी कार में मिली लाश, ऐसे शुरू हुई थी दोस्ती

नई दिल्ली: सेक्टर-3 रोहिणी स्थित रंग रसेन अपार्टमेंट की सड़क पर खड़ी कार में डॉक्टर ओमप्रकाश कुकरेजा और उनकी महिला साथी की लाश मिलने के बाद दोनों परिवार हैरान हैं। बीस साल पहले की करीबी दोस्ती को दोनों के परिवार वाले पसंद नहीं करते थे। लेकिन दोस्ती का अंत इस तरह से होगा। उनको भी यकीन नहीं हो रहा है। पुलिस के सामने जो शुरुआती बातें आई हैं, उनसे पुलिस हैरान है। वह दोस्ती सेे लेकर हत्या और खुदकुशी के कारण का पता लगाने के लिए दोनों परिवार वालों से पूछताछ कर रही है।बीस साल पहले क्लीनिक से शुरू हुई दोस्ती
2002 में बवाना स्थित एक क्लीनिक में ओमप्रकाश डॉक्टर था, जबकि कल्पना नर्स का काम करती थी। वहीं से दोनों में दोस्ती शुरू हुई थी। जल्द ही दोनों एक दूसरे के काफी करीब आ गए थे। 2005 में जब ओमप्रकाश ने सेक्टर-15 में निर्वाण नर्सिंग होम बनाया था। उसमें कल्पना को परिवार की बिना अनुमति के एडमिन हेड के तौर पर रखा था। अस्पताल कर्मचारी दोनों को करीबी दोस्त के तौर पर देखा करते थे। दोनों अक्सर एक ही कार में आते-जाते थे। कई कर्मचारी दोनों को पति-पत्नी तक बताया
करते हैं।

शादी का दबाव फिर अस्पताल में पद
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में काफी समय से महिला ओमप्रकाश जिस तरह से रह रहे थे। महिला अब उस पर शादी करने का दबाव बना रही थी। लेकिन ओमप्रकाश उसको अपने परिवार के बारे में बताकर समझाने की कोशिश करता रहता था। लेकिन महिला इस मामले में कोई बात नहीं सुनना चाहती थी। पिछले कुछ समय से दोनों में काफी तनाव और झगड़ा भी होने लगा था। लेकिन इस झगड़े के बारे में दोनों के परिवार को नहीं पता था। जबकि सूत्रों का कहना है कि पिछले 13 साल में जिस तरह से कल्पना ने अस्पताल के कामकाज को देखा है और ओमप्रकाश के करीबी थी। वह अस्पताल में अपना पद अब काफी ऊपर मानती थी। जिसको पाने के लिए वह ओमप्रकाश से अक्सर बोलती रहती थी। ओमप्रकाश ने उसको वह पद देने से इंकार भी किया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही मामले जांच का विषय हैं। जिन पर परिवार, रिश्तेदारों और अस्पताल कर्मचारी से पूछताछ करने की कोशिश की जा रही है।

9 बजकर 16 मिनट पर लिफ्ट में दिखा ओमप्रकाश
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात 9 बजकर 16 मिनट पर ओमप्रकाश अपने अपार्टमेंट की बिल्ंिडग की लिफ्ट में घर से नीचे जाता हुआ दिखाई दिया। उसके हाथ में सफेद रंग का पॉलिथिन बैग था। लिफ्ट में पहले से दो लड़कियां थीं। जिसमें से एक उनके आने के बाद किसी मंजिल पर उतर गईं। जबकि ओमप्रकाश लड़की के साथ ग्राउंड फ्लोर पर उतर गया था। दोनों लड़कियों को वह जानता भी नहीं था। पुलिस को शक है कि पॉलिथिन बैग में ही ओमप्रकाश पिस्टल रखकर ले गया था।

रात पौने 12 बजे वारदात की जगह लगे सीसीटीवी में दिखा
पुलिस सूत्रों की मानें तो शुरुआती जांच में पता चला है कि मंगलवार को ओमप्रकाश किसी शादी में शामिल होने के लिए गया था। जिसके बारे में उसने अपनी पत्नी को भी बताया था। वारदात की जगह पर लगे पांच सीसीटीवी कैमरों में से एक कैमरा नहीं चल रहा है। जबकि चार कैमरों में ओमप्रकाश की कार दिखाई दी है। पुलिस को लगता है कि कार पौने 12 बजे वहां पर आकर रुकी थी, जिसमें पहले से ही कल्पना बैठी हुई थी। दोनों में पहले के विवाद को लेकर बहसबाजी हुई थी। जिसके बाद ओमप्रकाश ने उसे और खुद को गोली मार ली थी।
एक और तीन बजे के बीच हुई वारदात!
पुलिस सूत्रों की मानें तो जिस तरह से ड्राइविंग सीट उसके पीछे और बराबर की सीट पर खून पड़ा था। उसको देखकर फॉरेंसिक टीम सूत्रों का कहना है कि जिस समय उन्होंने खून के सबूत इकट्ठा किये थे। उस समय खून कुछ जगह पर सूख चुका था। जिससे आशंका है कि वारदात उस समय से पांच से छह घंटे पहले हुआ था। यानि वारदात रात एक और तीन बजे के बीच हुई थी।

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