प्रियंका सिंह। एक्ट्रेस अदा शर्मा नीलगिरी के जंगलों में अपनी तेलुगू फिल्म की शूटिंग कर रही हैं। इस फिल्म के अलावा वह ‘कमांडो’ की तैयारी भी कर रही हैं। फिल्म ‘मैन टू मैन’ में भी वह एक दिलचस्प किरदार में नजर आएंगी। इसी बीच उन्होंने जागरण से खास बातचीत की। जानते हैं उन्होंने अपने करियर और अपकमिंग फिल्म के बारे में क्या कहा…
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जंगल में शूटिंग करने का अनुभव कैसा है?
पहली बार वास्तविक जंगल में शूटिंग कर रही हूं। जंगल के जानवरों के बीच हूं। काला बिच्छू और कई ऐसे जीव-जंतु देख रही हूं, जो पहले नहींदेखे। यह अनुभव कमाल का है। फिल्म का नाम ‘क्वेश्चन मार्क’ है। तेलुगु में इस तरह की फिल्म अब तक नहीं आई है।
जंगल में शूटिंग करने का सबसे मुश्किल हिस्सा क्या है?
जंगल से होटल साढ़े चार घंटे की दूरी पर स्थित हैं। इसलिए जंगल में ही जो कॉटेज बनाया गया है, मैं उसमें रह रही हूं। यहां बहुत सुख-सुविधाएं नहीं हैं। रात में ठंड बढ़ जाती है, पर मुझे इन सब चीजों को लेकर कोई शिकायत नहीं है। मुझे ठंडे पानी से नहाना बहुत अच्छा लगता है, चाहे मौसम ठंड का ही क्यों न हो। वर्कआउट के बाद ठंडे पानी से स्नान किसी भी तरह का दर्द शरीर से निकाल देता है। भोजन को लेकर भी मेरे कोई नखरे नहींहैं। बस वह शाकाहारी होना चाहिए। मैं प्याज और लहसुन तक नहींखाती। दाल-चावल, खिचड़ी जैसा सादा भोजन भी प्रेम से खा लेती हूं। इंटरनेट कनेक्टिविटी है यहां पर, लेकिन नेटवर्क चला जाए तो लंबा इंतजार करना पड़ता है, पर मुझे उससे कोई समस्या नहीं है।
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प्रकृति से नजदीकी क्या नई बातें सिखा रही है?
प्रकृति आपको दयालुता का पाठ पढ़ाती है। उसके मध्य रहने पर मन खिला-खिला रहता है।
आपने इंस्टाग्राम पर कहा था कि इस फिल्म की हीरो आप हैं…
सच कहूं तो फिल्म की स्क्रिप्ट ही हीरो है। फिल्म में मेरी उपस्थिति अहम है। इसमें ज्यादा कलाकार भी नहीं हैं। आपने चेहरे पर चोट के निशान वाली एक तस्वीर साझा की थी। अक्सर अभिनेत्रियां ग्लैमरस तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिखाना पसंद करती है… मैं खुशकिस्मत हूं कि फिल्म ‘1920’ से मेरे एक्टिंग कॅरियर की शुरुआत हुई। कई लोगों ने इसके लिए मना भी किया था। रोमांटिक फिल्म से शुरुआत करने की सलाहें भी मिलीं। लोगों का कहना था कि फिल्म ‘1920’ में मुझे देखकर दर्शकों को लगेगा कि मैं सुंदर नहीं हूं। मैंने उससे पहले न मॉडलिंग की थी और न कोई विज्ञापन किया था। मैंने सोचा कि अभिनय करने का मौका मिल रहा है तो करना चाहिए। मैंने दक्षिण भारत की इंडस्ट्री में ‘हार्ट अटैक’ जैसी फिल्म की थी जिसमें भी सादगीभरा किरदार था। मेरा मानना है कि मैं ग्लैमरस तो फोटोशूट या रेड कारपेट पर भी लग सकती हूं। किरदार में खुद को ढालना महत्वपूर्ण है। सामान्य दिनों में मैं बिना मेकअप ही रहती हूं।
बॉलीवुड के साथ ही दक्षिण भारत की फिल्मों में काम करने की क्या वजह है?
मैंने भाषा को लेकर कोई दायरा नहीं बनाया है। मेरी हिंदी फिल्मों को तेलुगु या दूसरी भाषाओं में डब किया गया है, जिन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। अगर मुझे वहां अच्छे मौके मिल रहे हैं तो मैं क्यों न करूं? बॉलीवुड में एक बुरी फिल्म करने से अच्छा है कि साउथ में एक अच्छी फिल्म करूं। वैसे फिल्मों में मुझे डांस करने का मौका कम मिला है, जबकि मैंने कथक में स्नातक किया है।
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