अब दस लाख रुपये तक के सरकारी ठेकों/कार्यों में ई-टेंडरिंग अनिवार्य नहीं होगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने शासनादेश जारी कर दिया है।
विकास कार्यों, सेवाओं/जॉब वर्क एवं सामग्री के क्रय में प्रदेश के सभी शासकीय विभागों/सार्वजनिक उपक्रमों/विकास प्राधिकरणों/नगरनिगमों/स्वायत्तशासी संस्थाओं/निकायों इत्यादि में अनुबंध एवं अनुबंध दरों के लिए ई-टेंडरिंग प्रणाली लागू की गई थी। एक सितंबर को इसे अनिवार्य कर दिया गया था। शासन ने ई-टेंडरिंग प्रणाली से आमंत्रित की गई निविदाओं की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक किए जाने का निर्णय लिया है। अब एक लाख से अधिक मूल्य के सामान/सेवाओं/जॉब वर्क एवं सामग्री के क्रय, चालू अनुबंध एवं टेंडर आमंत्रित किए जाने की अनिवार्यता पूर्व की भांति यथावत रहेगी। 10 लाख रुपये तक की निविदायें ई-टेंडरिंग के माध्यम से आमंत्रित किया जाना अनिवार्य नहीं होगा।
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