अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत तक होने वाले पांच विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग ने देशभर में चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) तथा पेपरट्रेल मशीन की ‘प्राथमिक स्तर की जांच’ शुरू कर दी है। यह जानकारी बृहस्पतिवार को सूत्रों ने दी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर के निरीक्षण में ‘मॉक’ मतदान शामिल है।
निर्वाचन आयोग के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह पूरे भारत में की जाने वाली कवायद है। देशभर में चरणबद्ध तरीके से प्राथमिक स्तर का निरीक्षण (एफएलसी) कराया जाएगा, जिसमें केरल की सभी लोकसभाएं भी शामिल हैं। वह केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में हो रहे ‘मॉक’ मतदान पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, लेकिन सूरत की एक अदालत द्वारा ‘मोदी’ उपनाम से संबंधित टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
इस समय वायनाड, महाराष्ट्र की पुणे और चंद्रपुर, उत्तर प्रदेश की गाजीपुर और हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट खाली हैं। पदाधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग इस तरह के अभ्यास के लिए एक कैलेंडर जारी करता है और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पालन किए जाने वाले स्थायी निर्देश हैं। पदाधिकारी ने बताया कि एफएलसी राजस्थान, मिजोरम, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश विधानसभा और संसदीय सीटों पर भी होंगे, जहां उपचुनाव होने हैं।
अधिकारी ने बताया कि एफएलसी के दौरान, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और पेपरट्रेल मशीनों की यांत्रिक खामियों के लिए बीईएल और ईसीआईएल के इंजीनियरों द्वारा जांच की जाती है। खराब मशीनों को मरम्मत या बदलने के लिए कंपनियों को वापस कर दिया जाता है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दो मशीनों की जांच के लिए मॉक पोल भी आयोजित किया जाता है।
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