मानवता की मिसालः रतन टाटा 150 किमी कार से सफर कर बीमार कर्मचारी से मिलने उसके घर पहुंचे!

मुंबई। देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा मानवता की मिसाल के लिए पहचाने जाते हैं। वह अक्सर दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं। अगर उनके कर्मचारियों की बात हो तो वह उसमें भी पीछे नहीं हटते। यह बात उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिखाया है। जहां वह अपने 2 साल से बीमार चल रहे एक पूर्व कर्मचारी से मिलने के लिए कार से करीब 150 किमी का सफर कर उसके घर पहुंच गए। इसका खुलासा सोशल मीडिया पर हुआ है।

हैरान था कर्मचारी..देखते ही आ गए आंसू…
दरअसल, रतन टाटा को जैसे पता चला कि उनका एक पूर्व कर्मचारी पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा है तो वह मुंबई से उससे मिलने पुणे पहुंच गए। जब इस कर्मचारी ने रतन टाटा को अचानक अपने घर देखा तो वह हैरान था। उसे अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ कि इतना बड़ा आदमी उसके घर कैसे आ गया। वहीं उसके परिजन इस घटना से भावुक हो गए।

बीमारी का उठाएंगे खर्च..बच्चों की पढ़ाई भी कराएंगे
बता दें कि टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा (83) ने अपना यह दौरा पूरी तरह से व्यक्तिगत रखा। उन्होंने इस बारे में किसी को नहीं बताया था। ना तो उनके साथ कोई बाउंसर था और ना ही उनकी कंपनी के बडे़-बड़े कर्मचारी मैनेजर। वह चुपचाप पुणे की फ्रेंड्स सोसायटी में पहुंचे और अपने पूर्व कर्मचारी से मिले। बताया जा रहा है कि रतन टाटा ने पूर्व कर्मचारी के परिवार का खर्च उठाने का भरोसा भी दिया है। साथ ही कहा कि वह उसके पढ़ाई का खर्चा भी देंगे।

देश के बिजनेसमैन को रतन टाटा से ये सीखना चाहिए
सोसायटी में रहने वाली एक अंजलि पर्डिकर महिला ने मीडिया को बताया कि अचानक टाटा की दो गाड़ियां आईं और उनमें से एक गाड़ी में से रतन टाटा नीचे उतरे और अपने कर्मचारी के फ्लैट में उससे मिलने के लिए पहुच गए। उन्हें देखकर नहीं लग रहा था कि वह इतने बड़े और अमीर इंसान हैं। वह बेहद सादगी से यहां आए हुए थे। ना तो उनके साथ कोई पुलिस थी और ना ही कोई गार्ड। महिला ने कहा कि टाटा जी से सभी बिजनेसमैन को सीखना चाहिए कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता।

लोग बोले-टाटा के इस काम कभी नहीं भूल पाएंगे
सोसाइटी के लोगों के मुतबिक, रतन टाटा रविवार को दोपहर लगभग 3 बजे अपने पूर्व कर्मचारी से मिलने के लिए उसके घर आए थे। वहीं सोसायटी के अध्यक्ष अभिजीत माकाशीर ने कहा कि टाटा का उनकी सोसायटी में आना हमेशा याद रहेगा। इतने बड़े बिजनेसमैं ने बिना संकोच किए मुझसे पार्किंग में कुछ मिनट बात भी की। जिसे में पूरी जिंदगी भर नहीं भूल पाऊंगा।

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