
यूनिक समय, मथुरा। वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर से प्रभावित हो रहे 275 परिवारों के पुनर्वास की प्रक्रिया को लेकर जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए हैं। इन परिवारों के पुनर्वास के लिए रुक्मिणि विहार और सुनरख बांगर में भूमि चिन्हित कर ली गई है, जहां मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण (एमवीडीए) द्वारा आवासीय योजना के तहत फ्लैट्स का निर्माण कराया जाएगा।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के अनुसार, कॉरिडोर परियोजना के लिए लगभग 5.5 एकड़ भूमि का सत्यापन किया जा रहा है। इस दौरान प्रभावित भवन मालिकों को पुनर्वास के लिए दो विकल्प – रुक्मिणि विहार और सुनरख बांगर – दिए जाएंगे। चयनित क्षेत्र में टू बीएचके फ्लैट्स बनाए जाएंगे, ताकि सभी प्रभावित परिवारों को एक ही स्थान पर पुनर्स्थापित किया जा सके।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस.बी. सिंह ने बताया कि रुक्मिणि विहार योजना के अंतर्गत चार बड़े भूखंड – क्रमशः 3924.91 वर्गमीटर, 2844 वर्गमीटर, 1800 वर्गमीटर और 1504 वर्गमीटर – इस कार्य के लिए तय किए गए हैं। यहां करीब 325 से 350 टू बीएचके फ्लैट्स बनाए जाएंगे। यदि आवश्यकता पड़ी तो सुनरख बांगर की लगभग 3.5 एकड़ जमीन का उपयोग भी किया जाएगा।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रभावित 275 भवनों में से लगभग 200 दुकानों के मालिकों को कॉरिडोर क्षेत्र में ही दुकानें आवंटित की जाएंगी, साथ ही सभी प्रभावितों को भूमि और भवन के मूल्य के अनुसार उचित मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा।
एमवीडीए के सचिव अरविंद द्विवेदी ने बताया कि पुनर्वास योजना के तहत प्रस्तावित फ्लैट्स का डिज़ाइन तैयार हो चुका है और रुक्मिणि विहार में आवास निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
यह योजना, जहां एक ओर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कॉरिडोर निर्माण को गति दे रही है, वहीं दूसरी ओर इससे प्रभावित परिवारों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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