शहर में एक डॉक्टर का अपहरण, 50 लाख रुपये की फिरौती का मामला
अब डॉक्टर्स घरों से नर्सिग होम तक आते हैं डरते-डरते, कब क्या हो जाए
लखनऊ तक गूंज
प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय / मथुरा। शहर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर के अपहरण, फिर 50 लाख रुपये की चौथ वसूली के बाद रिहाई से खाकीवर्दी पर लगे कलंक की चर्चा से शहर के प्रमुख डॉक्टर्स चुप हैं। वह खौफ में जी रहे हैं। उनको यही डर सता रहा है कि कहीं उसके किसी साथी के साथ ऐसी वारदात न हो जाए। पूरे प्रकरण पर चर्चा तो होती है किंतु मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है। प्रतीत हो रहा है कि उनके सामने एक ओर खाई और दूसरी ओर कुंआ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
चर्चा हो रही है कि दिसंबर 2019 में शहर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर का कुछ बदमाशों ने अपहरण कर लिया था। उसकी पत्नी को फोन करके 50 लाख रुपये की फिरौती भी वसूल कर ली थी। किसी तरह से मामला पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस बदमाशों तक पहुंच गयी। फिरौती की रकम बरामद कर एक आरोपी को दबोच लिया। इतनी बड़ी रकम में से कुछ्र रकम डॉक्टर को वापस कर दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। चूंकि डॉक्टर ने मुक्ति के बाद भगवान का शुक्रिया अदा किया। पुलिस ने समझा कि मामला ठंडा हो गया। वह यह भूल गई कि मामला एक ऐसा तूल पकड़ेगा कि खाकी वर्दी फंसती नजर आएगी। हुआ भी कुछ ऐसा। मीडिया में यह डॉक्टर का अपहरण, 50 लाख रुपये की फि रौती का मुद्दा ऐसा उछला कि लखनऊ तक मथुरा पुलिस के कारनामे की गूंज सुनाई देने लगी। जांच का फ रमान हो गया। पुलिस महकमे में यह चर्चा है कि यदि जांच ईमानदारी से हो गयी तो जिले के कई अफसरों की गर्दन फंस जाएगी। फिलहाल डॉक्टर्स चुप हैं। वह खौफ में अपने क्लीनिक और घरों से बाहर आ जा रहे हैं। हमेशा उनको यह डर सताता रहता है कि कहीं वह भी बदमाशों के निशाने पर नहीं हैं।
आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने डॉक्टर अपहरण कांड में एसएसपी मथुरा, एसपी सिटी, सीओ रिफायनरी समेत कई पुलिसकर्मियों को तलब किया है, ताकि इन सभी अफसरों के बयान दर्ज किए जा सकें।
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