देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं पूर्व रक्षामंत्री

नई दिल्ली। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री होंगी। अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है। शाम पांच बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है. वित्त मंत्री बनने के दावेदार पीयूष गोयल को रेलवे एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है. इससे पहले कार्यकाल में निर्मला रक्षा मंत्री रहीं थी. निर्मला सीतारमण उन महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने राजनीति में बेहद कम समय में अपना अलग मुकाम हासिल किया है. बतौर रक्षा मंत्री उन्होंने कड़ी चुनौतियों का सामना किया. 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने जोर-शोर से राफेल विमान डील का मुद्दा उठाया था. आपको बता दें कि अनुराग ठाकुर को वित्त राज्यमंत्री बनाया गया है.

सेल्स गर्ल से लेकर रक्षा मंत्री तक का सफर-निर्मला सीतारमण के पिता भारतीय रेलवे में कार्यरत थे. जिस कारण उनका बचपन अलग-अलग शहरों में बीता. उन्होंने जेएनयू से एमए इकोनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त की और फिर यहीं से एमफिल किया.

उनकी शादी डॉक्टर पराकाला प्रभाकर से हुई. दोनों की मुलाकात जेएनयू में ही हुई थी. डॉक्टर प्रभाकर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी पूरी की और निर्मला सीतारमण उन्हीं के साथ लंदन में रहने लगीं.

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की एक खबर के मुताबिक, इस दौरान निर्मला सीतारमण ने लंदन के एक होम स्टोर में बतौर सेल्सगर्ल भी काम किया. इसके बाद उन्होंने PricewaterhouseCoopers में बतौर सीनियर मैनेजर भी जॉब की.

नेशनल कमीशन फॉर वुमन की रहीं सदस्य
बीजेपी में शामिल होने से पहले वो 2003 से 2005 तक नेशनल कमीशन फॉर वुमन (NCW) की सदस्य रही थीं. उन्होंने बीजेपी की प्रवक्ता के रूप में बेहतरीन काम किया और अक्सर टीवी चैनलों पर पार्टी के लिए वो खड़ी नजर आईं. इसके बाद 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. फिर 2016 में वो राज्यसभा सांसद बनीं. 26 मई 2016 को उन्होंने भारत के वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार), वित्त व कॉर्पोरेट मामलों की राज्य मंत्री के पद की शपथ ली.

देश की पहली महिला रक्षा मंत्री
इसके बाद गोवा में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए पार्टी ने उस समय रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को एक बार फिर कमान संभालने को कहा. पर्रिकर द्वारा रक्षा मंत्री पद छोड़ने के बाद 3 सितंबर 2017 को सीतारमण भारत की पहली महिला रक्षा मंत्री बनीं. हालांकि, उनसे पहले इंदिरा गांधी भी देश की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं, पर उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए रक्षा मंत्रालय भी अपने पास रखा था.

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