नई दिल्ली। तीन तलाक को लेकर 20 सितंबर को अध्यादेश आने के बाद इसे अपराध मानते हुए उत्तर प्रदेश के बिजनौर में मंगलवार को पहला मामला दर्ज हुआ है। बता कि मामला, पीड़िता की मां की तरफ से दर्ज कराया गया है।
इस मामले में खास बात यह है कि पहले तीन तलाक और फिर निकाह की यह पूरी घटना बिजनौर की देहात कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में ही हुई और पुलिस खड़ी देखती रही। बता दें कि आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ जांच कराई जा रही है। इसमें एक एसआई की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक बिजनौर के हलदौर के पावटी गांव की सल्तनत का निकाह बरुकी निवासी गुलफाम के साथ 15 जुलाई 2018 को हुआ था। सल्तनत की मां शहनाज के मुताबिक 23 सितंबर को नाटकीय घटनाक्रम के तहत पंचायत के दौरान दामाद गुलफाम ने अपनी प्रेमिका के पिता नजाकत के दबाव में आकर सल्तनत को फोन पर ही तलाक दे दिया। इसके बाद तत्काल ही अपनी प्रेमिका से निकाह भी कर लिया।
इस मामले में बरुकी के ही हाजी इकबाल, शराफत, चांद शाह, अनीस अहमद ने भी गुलफाम का साथ दिया। डीआईजी कानून एवं व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर पर 6 लोगों के खिलाफ तीन तलाक के मामले में मुस्लिम महिला (प्रोटेक्शन आफ मैरिज ऑर्डिनेंस, 2018) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 23 सितंबर को यह पूरा घटनाक्रम कोतवाली देहात पुलिस की मौजूदगी में ही हुआ। पुलिसवालों ने पहले तीन तलाक कराने और फिर गुलफाम का निकाह उसकी प्रेमिका से कराने में पूरा साथ दिया।
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