पहली वारिश ने मुडिया मेला व्यवस्थाओं को किया तार-तार

प्रमुख मंदिर और परिक्रमा मार्ग में हुआ जलभराव
– नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की भी खुली पोल, नालियों की गंदगी आई सड़कों पर
मनीष शर्मा
गोवर्धन (मथुरा)। मानसून की पहली वारिश मंे कस्बे में 12 जुलाई से आयोजित होने वाले राजकीय मेला मुडिया पूर्णिमा की व्यवस्थाआंे को तारतार करके रख दिया। जहंा परिक्रमा मार्ग सहित सभी प्रमुख मंदिरों में जलभराव हो गया वहीं नालियों की गंदगी सड़कों पर आ गई। जिससे नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था तार-तार हो गई।
गिरिराज धाम गोवर्धन में 12 जुलाई से शुरू होने जा रहे पांच दिवसीय राजकीय मुडिया पूर्णिमा ( गुरु पूर्णिमा ) मेला की कागजी व्यवस्थाआंे में जुटे प्रशासनिक अमला की तैयारियो की पोल उस समय खुल गयी जब मानसून की पहली वारिश में ही परिक्रमा मार्ग सहित प्रमुख मंदिरों में भारी जल भराव हो गया। भीषण वारिश के चलते सप्तकोसीय परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह जलभराव हुआ ही अपितु प्रसिद्ध गिरिराज मंदिरांे में भी जल भराव हो गया।

इस वारिश ने गोवर्धन नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की पोल भी खुलकर सामने आ गई। नालियों की गंदगी सड़कों पर आ गई। गोवर्धन के प्रसिद्ध गिरिराज दानघाटी मंदिर द्वारा बाजार में संचालित प्राचीन लक्ष्मीनारायन मंदिर में पानी अंदर तक घुस गया। सेवायतांे को मंदिर के तखतों पर चढ़कर बैठ कर भक्तों से पूजा करानी पड़ी। इससे भी ज्यादा भयाभय हालात परिक्रमा मार्ग के जतीपुरा स्थित प्रसिद्ध व प्राचीन गिरिराज मुखारविंद मंदिर में दिखाई दिये। जहां मंदिर परिसर में करीब तीन-तीन फीट पानी भर गया। गंदा पानी गिरिराज शिला तक पहंुच गया। भक्तांे व सवायतांे को गंदे पानी में खड़े होकर ही नियमित पूजा अर्चना करनी पड़ी। जिससे उनकी भावनाओं पर ठेस पहुंची।
महत्वपूर्ण बात यह है कि राजकीय पांच दिवसीय मेला की तैयारियों में जुटे भारी भरकम प्रशासनिक अमला धरातल पर कार्य करने के बजाय कागजी कार्यवाही में जुटा है। अगर यही हाल रहा और मेला में भी वारिश पड़ी तो पांच दिन में परिक्रमा को आने वाले एक करोड से अधिक श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।

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