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हजारों महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप झेल रहे सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कांग्रेस सरकार ने मोदी सरकार को पत्र लिखकर रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है। हजारों महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप झेल रहे सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। नेता को पहले ही जेडीएस पार्टी से निलंबित कर चुकी है और कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार द्वारा गठित एसआईटी उनके खिलाफ जांच कर रही है। अब कांग्रेस सरकार ने मोदी सरकार को पत्र लिखकर रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्रालय सिद्धारमैया सरकार के अनुरोध पर विचार कर रहा है। मामले की जानकारी रखने वालों लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द करने की मांग करने वाला कर्नाटक सरकार का पत्र मंगलवार को विदेश मंत्रालय को मिल गया है। हालांकि यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया में कितना समय लगेगा। इस मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर का कहना है कि राज्य सरकार ने केंद्र से हासन से सांसद रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का आग्रह किया है। रेवन्ना जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं।
इससे पहले 2 मई को विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया था कि रेवन्ना ने राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी की यात्रा की। हालांकि अधिकारियों के अनुसार, रेवन्ना को वीजा उपलब्ध कराने में विदेश मंत्रालय की कोई भूमिका नहीं थी। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि नियमों के अनुसार, पासपोर्ट केवल अदालत के निर्देश पर ही रद्द किये जा सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा था कि राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी की यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। इसलिए यह सवाल ही नहीं उठता कि कोई वीजा नोट जारी किया गया था। 33 वर्षीय प्रज्वल रेवन्ना के लोकसभा चुनाव के बीच हजारों वीडियो क्लिप सामने आए थे।
रेवन्ना पर अपने घर काम करने वाली नौकरानियों के साथ रेप करने और उन्हें धमकाने के आरोप लगे। वीडियो के बाद कई महिलाएं भी सामने आईं और आरोप लगाया कि रेवन्ना ने उनके साथ कई बार गलत काम किया है। ये वीडियो पेन ड्राइव के जरिए हासन लोकसभा में लोगों के बीच बांटे गए, तब जब एक दिन बाद इस सीट पर मतदान किया जाना था। वीडियो सामने के बाद रेवन्ना जर्मनी भाग गए थे। तब से उनका कोई पता नहीं लग पाया है। रेवन्ना की करतूत सामने आने के तुरंत बाद सिद्धारमैया सरकार ने मुकदमा दर्ज कराया और एसआईटी का गठन किया। रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है।
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