जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा के खिलाफ मुंबई में मंगलवार तड़के तक प्रदर्शन जारी रहा। हाथ में पोस्टर लेकर और हिंसा के खिलाफ नारे लगाते हुए गेटवे ऑफ इंडिया पर बड़ी संख्या में छात्रों ने आंदोलन किया। हालांकि इस दौरान एक छात्रा के हाथ में ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर से सोशल मीडिया पर सियासी घमासान मच गया। इस पोस्टर की न सिर्फ बीजेपी बल्कि कांग्रेस के नेताओं ने भी जमकर आलोचना की। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार को आड़े हाथों लिया तो कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी सवाल किए।
जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में फ्री कश्मीर के पोस्टर पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा कर सवाल दागे। फडणवीस ने सीएम उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या उन्हें फ्री कश्मीर भारत विरोधी अभियान बर्दाश्त है। देवेंद्र फडणवीस ने ‘फ्री कश्मीर’के पोस्टर वाले विडियो ट्वीट कर लिखा, ‘यह किस बात का प्रदर्शन है? फ्री कश्मीर के नारे क्यों लगाए जा रहे हैं? हम मुंबई में इस तरह के अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?’
Protest is for what exactly?
Why slogans of “Free Kashmir”?
How can we tolerate such separatist elements in Mumbai?
‘Free Kashmir’ slogans by Azadi gang at 2km from CMO?
Uddhav ji are you going to tolerate this Free Kashmir Anti India campaign right under your nose???@OfficeofUT https://t.co/zkWRjxuTqA— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 6, 2020
फडणवीस ने आगे लिखा, ‘सीएम कार्यालय से 2 किमी दूरी पर आजादी गैंग ने फ्री कश्मीर के नारे लगाए। उद्धव जी आप अपनी नाक के नीचे फ्री कश्मीर ऐंटी इंडिया कैंपेन को बर्दाश्त कर रहे हैं?’ बता दें कि रविवार को जेएनयू परिसर में स्टूडेंट्स और टीचर पर कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला कर दिया। हमलों के विरोध में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर 5 जनवरी को ही प्रदर्शन शुरू हुआ जो सोमवार को भी जारी रहा। इस दौरान फ्री कश्मीर के पोस्टर भी दिखाए दिए जिससे सियासी बवाल मच गया।
वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी इस ‘फ्री कश्मीर’ के पोस्टर पर आपत्ति जताई। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं। निरुपम ने कहा कि आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। जेएनयू हिंसा का कश्मीर की आजादी से क्या मतलब है। संजय निरुपम ने ट्वीट किया, ‘ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं। आंदोलन गुमराह हो सकता है। आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। #JNUVoilence का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता ? कौन हैं ये लोग ? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें ? बेहतर होगा,सरकार इसकी जांच कराए।’
ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं।
आंदोलन गुमराह हो सकता है।
आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी।#JNUVoilence का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता ?
कौन हैं ये लोग ? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें ?
बेहतर होगा,सरकार इसकी जाँच कराए। pic.twitter.com/oqrzBsqIcT— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) January 6, 2020
जेएनयू स्टूडेंट्स पर हुए हमले के विरोध में सोमवार को मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे तक मार्च निकाला गया। इसमें आईआईटी बॉम्बे, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस के अलावा कई दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के स्टूडेंट्स शामिल हुए। विरोध-प्रदर्शनों में मशहूर फिल्मी हस्तियां भी नजर आईं। प्रदर्शन में शामिल स्टूडेंट्स ने कहा कि आज यह जेएनयू के साथ हुआ, कल किसी और के साथ होगा और फिर हमारे साथ भी हो सकता है। ऐसे में इसके खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है। रैली के दौरान ‘हमें चाहिए आज़ादी’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के जमकर नारे लगे।
फिल्मी हस्तियां भी पहुंचीं प्रदर्शन में
सोमवार की शाम हुतात्मा चौक से गेटवे के लिए जॉइंट ऐक्शन कमिटी फॉर सोशल जस्टिस के नेतृत्व में निकाले गए इस मार्च में सैकड़ों लोग शमिल हुए। तकरीबन एक घंटे के बाद हुतात्मा चौक से निकली रैली गेटवे ऑफ इंडिया पहुंची थी। रैली में स्टूडेंट्स, अलग-अलग सामाजिक संस्थाओं के अलावा फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां भी शामिल हुईं। गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए विरोध प्रदर्शन में अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप, दीया मिर्जा, जोया अख्तर, राहुल बोस, विशाल भारद्वाज, तापसी पन्नू भी पहुंचे।
वाम दलों, छात्र संगठनों ने ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु में निकाली रैलियां
जेएनयू में हिंसा के खिलाफ वाम दलों के कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों ने ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सोमवार को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। भुवनेश्वर में प्रदर्शनकारियों नें हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे जिनमें ‘जेएनयू में गुंडागर्दी रोको’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ जैसे नारे लिखे हुए थे। इन्होंने शहर के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकालीं और बीजेपी नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना की निंदा की।
महाराष्ट्र के पुणे में विभिन्न छात्र संगठनों और युवा संगठनों ने दिल्ली में जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के विरोध में सावित्रीभाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम ने घटना की निंदा की। तमिलनाडु में भी छात्रों ने जेएनयू की घटना की निंदा की और इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।
आईआईटी-मद्रास के छात्रों ने किया प्रदर्शन
जेएनयू हिंसा पिटाई के विरोध में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-एम) और मद्रास विश्वविद्यालय के छात्र सोमवार को सड़कों पर उतरे। आईआईटी-एम के छात्र संगठन चिंताबर के एक सदस्य ने बताया, ‘छात्रों के एक समूह ने जेएनयू में हिंसा और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जुलूस निकाला।’ उन्होंने कहा कि छात्र समूह ने देश और जेएनयू में जो कुछ हो रहा है, इस पर चर्चा की और इसके बाद तुरंत प्रदर्शन करने का फैसला लिया।
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