फ्रेंडशिप डे—4 अगस्त पर विशेष: ऐ दोस्त हमारी दोस्ती ऐसी बनी रहे 

सलिब्रेट करने की तैयारी में जुटे युवा

शिवानी सिसोदिया

मथुरा।भले ही फ्रेंडशिप डे मनाने का सिलसिला पश्चिमी देशों से शुरू हुआ। लेकिन हमारे देश में साढे पांच हजार वर्ष पूर्व हुई श्रीकृष्ण सुदामा की दोस्ती की मिशाल हर कोई देता है कि दोस्त हों तो श्रीकृष्ण सुदामा जैसे। फ्रंडशिप डे पर देश के हर बड़े व छोटे शहरों में इसको सलिब्रेट करते हुए हर युवा देखे जा सकते हैं। महाविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में इसके खुले आम आयोजन देखने को मिल जाते हैं। फ्रेंडशिप डे हर वर्ष अगस्त के पहले रविवार को मनाये जाने की परम्परा है। इस वर्ष फ्रेन्डशिप डे 4 अगस्त को मनाया जायेगा। इसको सेलिब्रेट करने के लिए मथुरा में भी युवा नये नये गिफ्ट अपने फ्रेन्डस को देने के लिए अभी से खरीदने में जुट गए हैं।


फ्रेंडशिप डे को लेकर युवाओं में बड़ी उत्सुकता होती है। आज के दौर में युवा फ्रेंडशिप डे को बड़े ही धूम धाम के साथ सेलिब्रेट करते हैं।
अपने दोस्तों को कार्ड, मैसज और फ्रेंडशिप बैंड देकर विश करते है। साथ ही दोस्तों से वादा करते है, कि अपनी दोस्ती को कभी खत्म नहीं करेंगे।
एक युवा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दोस्ती— दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो अमीरी—गरीबी, रंग—रूप, उंच—नीच और खून के बंधन की मौहताज नहीं है। दोस्ती प्रेमभाव, विश्वास , अपनेपन का बंधन है। यह बंधन हमारे बचपन से शुरू होकर अखीरी सांस तक चलता है। कहते है कि हमारी जिंदगी में दोस्त नहीं होते तो जिंदगी कितनी बेरंग होती।


एक दोस्त का कहना है कि मुझसे एक दोस्त नहीं बदला जाता, चाहें लाख दूरी होने पर। लोगों के तो भगवान तक बदल जाते है, एक मुराद पूरी न होने पर ।हमारे देश में दोस्ती की मिसाले देखने को मिल जायेंगी। एक वक्त था जब द्वारिकाधीश प्रभु ने द्वारिका का राजा बनने के बाद अपने गरीब दोस्त सुदामा की हालत देखकर अपने आंसुओं के जल से पैर धोए और उनका हर संकट हरकर सभी प्रकार की सुख सुविधाये प्रदान की थी।  कई दोस्त  अपनी दोस्ती के लिए जान तक देने को तैयार रहते हैं,  लेकिन आज के समय ने दोस्ती के मायने ही बदल दिये है लोग मतलब और जरूरत के लिए दोस्ती करते है। जब मतलब पूरा हो जाता है तो पहचानते भी नहीं है। सच्ची दोस्ती वो है जो मीलों दूर के फासलों में भी जिंदा रहती है। जो दोस्त आपको गलत राह पर जाने से रोकता हो ऐसे दोस्त लाखों में एक होता है।
किसी शायर ने कहा है कि — ऐ दोस्त हमारी दोस्ती ऐसी बनी रहे।
हम रहे या न रहे ये रिश्ता हमेशा चलता रहे।।

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