नई दिल्ली। मोदी सरकार 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट को बैन करने वाली है. इस 2 अक्टूबर को सरकार प्लास्टिक से बने प्रोडक्टस के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी. पॉल्यूशन को कम करने के लिए भारत सरकार ये प्लान कर रही है. सरकार के इस कदम से जहां प्लास्टिक का बिज़नेस ठप हो जाएगा वहीं कई और बिज़नेस बढ़ेंगे. अगर आप भी कोई नया बिज़नेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं तो आपके पास ये खास बिज़नेस शुरू करने का ऑप्शन है.
कम निवेश में शुरू होने वाले बिजनेस के बारे में सोच रहे हैं तो जूट के बैग बनाने की यूनिट लगाना बेहतर विकल्प हो है. देश के कई राज्यों में प्लास्टिक पर बैन के बाद जूट के बैग की मांग तेजी से बढ़ी है. ऐसे में कम निवेश में जूट का बैग बनाकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.
आइए जानते हैं जूट के बैग बनाने की यूनिट शुरू करने का प्रोसेस…
इतने में शुरू होगी यूनिट- मिनिस्ट्री़ ऑफ टैक्सटाइल्स के हैंडीक्राफ्ट डिवीजन के मुताबिक, अगर आप एक जूट बैग मेकिंग यूनिट लगाना चाहते हैं तो आपको 5 सिलाई मशीन खरीदनी होंगी, जिनमें 2 हैवी ड्यूटी होनी चाहिए. इन मशीनों पर आपका लगभग 90 हजार रुपए का खर्च आएगा. इसके अलावा आपको लगभग 1 लाख 4 हजार रुपये वर्किंग कैपिटल की जरूरत होगी. जबकि अन्य खर्चों, जिसमें फिक्सड असेट, ऑपरेटिंग खर्च आदि पर लगभग 58 हजार रुपये का खर्च आएगा. यानी कि आपके प्रोजेक्ट की कैपिटल कॉस्ट लगभग 2.52 लाख रुपये आएगा.
इस कैपिटल कॉस्ट के आधार पर आपको लोन मिलेगा. इसमें एक माह का रॉ मैटेरियल, एक माह का वेतन आदि शामिल है. यानी इस प्रोजेक्ट पर आपको 65 फीसदी मुद्रा लोन और 25 फीसदी ब्याज मुक्त लोन नेशनल सेंटर फॉर जूट डायवर्फिकेशन (NCFD) से ले सकते हैं. बाकी 25 हजार रुपये का आपको खुद इंतजाम करना होगा. इतनी राशि से आपका काम शुरू हो जाएगा.
कितना प्रोडक्शन होगा- अगर आप इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर यूनिट लगाते हैं तो आप 9 हजार शॉपिंग बैग, 6 हजार लेडीज बैग, 7500 स्कूल बैग, 9 हजार जेंट्स हैंड बैग, 6 हजार जूट बम्बू फोल्डर सालाना प्रोडक्शन कर सकते हैं.
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