नई दिल्ली: शनिवार 1 अप्रैल को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का बजट पेश किया। उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (2.0) का दूसरा बजट पेश किया है। ये दूसरी बार है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट पेश किया गया। इस बजट से महंगाई के दौर से गुजर रहे लोगों को काफी उम्मीदें थीं। बजट में रोजमर्रा की चीजों से जुड़ी चीजों पर लोगों की विशेष निगाह रहती है। 2020-21 के आम बजट में ऐसे कई ऐलान किए गए, जिसके बाद आम लोगों से जुड़ी हुई चीजें महंगी हो जाएंगी। इसके अलावा कई ऐसे उत्पाद हैं, जिन पर आम लोगों को राहत भी मिली है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि केंद्र सरकार के इस बजट में क्या सस्ता और क्या महंगा हुआ है।
ये सामान हुए महंगे-
इलेक्ट्रिकल चीजों की बात की जाए तो अब आम लोगों को पंखें खरीदने के लिए अब अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि अब पंखे महंगे होेने वाले हैं, इन पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद कर दी गई है।
इसके अलावा स्टेशनरी भी महंगी होगी। स्टेशनरी सामानों पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद कर दी गई है।
बजट के अनुसार, अब लोगों को मोबाइल फोन लेना भी महंगा पड़ेगा। मोबाइल फोन को महंगा कर दिया गया।
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आयातित (इंपोर्टेड) मेडिकल डिवाइस भी होंगे महंगे।
विदेशी फर्नीचर पर भी कस्टम ड्यूटी को बढ़ा दिया गया है। विदेश फर्नीचर भी महंगे हो गए हैं। कस्टम ड्यूटी बढ़कर 25 फीसद हो गई।
घरेलू उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है, जिसके बाद घरेलू उपकरण भी महंगे होंगे। घरेलू उपकरणों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़कर 20 फीसदी हो गई।
सिगरेट और तंबाकू पर भी एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है, अब महंगे सिगरेट और तंबाकू का सेवन करना आम लोगों को पड़ेगा महंगा।
ऑटो और ऑटो पार्ट पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ी है, जिसके बाद ऑटो और ऑटो पार्ट महंगे होंगे।
फुटवेयर होंगे महंगे
आयातित फुटवेयर और फर्नीचर पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जाएगी। फुटवेयर पर टैक्स बढ़ाया गया है जिसके बाद जूते होंगे महंगे। आपको बता दें कि जूते-चप्पल पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने से देश में अब सस्ते फुटवेयर का आयात बढ़ने पर रोक लगेगी। यानि बाहरी देशों से सस्ते जूत्ते-चप्पल के आयात की बढ़ोत्तरी पर रोक लगेगी। मंत्रालय ने जूत्ते-चप्पल से संबंधित प्रोडक्ट्स पर सीमा शुल्क 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है।
इसके अलावा मंत्रालय ने रबर की नई न्यूमैटिक टायर पर शुल्क की मौजूदा दर को 10-15 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने का भी प्रस्ताव पेश किया है।
वहीं इसके अलावा विदेशी निवेश को 9 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है।
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