सात दिन में शादी करो, वरना जेल जाओ, सीएमओ ने छात्रा से ब्याह का वादा किया…

शहडोलः मध्य प्रदेश की धनपुरी नगर पालिका के सीएमओ प्रभात बरकड़े को दुष्कर्म के मामले में सशर्त जमानत मिली है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। दरअसल, इंदौर में पढ़ रही नाबालिग नीट की छात्रा ने प्रभात बरकड़े पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। न्यायालय से जमानत मिलने के कारण सीएमओ जेल जाने से तो बच गए लेकिन उन्हें सात दिन के भीतर पीड़िता से शादी करनी पड़ेगी।

मिली जानकारी के अनुसार, अदालत ने सीएमओ को जेल भेजने के आदेश दे दिए थे लेकिन मामला तब पलट गया जब पीड़ित छात्रा (अब 20 साल )और उसकी मां न्यायालय पहुंच गई। सीएमओ के वकील ने दलील दी कि हमारा पक्षकार सात दिन के अंदर शादी कर लेगा। लिखित में देने के बाद न्यायालय ने सशर्त जमानत मंजूर कर ली। छात्रा ने एमआइजी पुलिस में धनपुरी सीएमओ प्रभात बरकड़े पर केस दर्ज कराया था।

पुलिस में छात्रा की तरफ से दी गई शिकायत के अनुसार, वह बालाघाट की रहने वाली है और एक होस्टल में रहती थी। प्रभात बरकड़े भी बालाघाट के ही रहने वाले हैं। फ्लैट पर मुझे मिलने बुलाया। फ्लैट पर पहुंची तो उसके और प्रभात के अलावा वहां कोई नहीं था। प्रभात ने उसकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए। उस समय वह नाबालिग थी। इनकार करने पर प्रभात ने भरोसा दिलाया कि वह मुझसे प्यार करता है। शादी करना चाहता है। मैंने प्रभात की बात पर विश्वास कर लिया। इसके बाद हम रिलेशनशिप में आ गए। यहां से शादी का झांसा देकर प्रभात संबंध बनाए रहा। मैं जब भी उसे घरवालों से शादी की बात करने के लिए कहती तो वह टाल देता।

पीड़िता के अनुसार, एक दिन मैंने शादी की बात करने के लिए बुलाया। प्रभात से कहा कि वह फाइनल बता दे शादी करेगा या नहीं। तब उसने कहा कि वह घर जा रहा है। अपने परिवार से शादी की बात करेगा। कुछ दिन बाद मार्च 2024 में प्रभात ने शादी की बात करने लिए मुझे जबलपुर में देवलाल मंदिर के पास द ग्रैंड होटल में बुलाया। यहां प्रभात ने शादी की बात पर विवाद किया और मुझे गालियां दी। थप्पड़ मारते हुए शादी से इनकार कर दिया।

जांच के बाद पुलिस ने प्रभात बरकड़े पर केस दर्ज किया। इंदौर में छात्रा द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस आरोपित को शहडोल से गिरफ्तार इंदौर ले गई थी। आरोपित धनपुरी में अपने वकील से बात करने का हवाला देता रहा। हालांकि एमआईजी थाने के पुलिसकर्मी नहीं माने और उसे गिरफ्तार कर इंदौर ले गए। आरोपित ने अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उसे कोर्ट में पेश कर दिया गया। अब समझौता होने से उसे जमानत मिल गई है।

 

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