
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में मिलावटी दूध बेचने वाले माफिया सक्रिय हो गए हैं। किसी न किसी वजह से बड़ी डेयरियों की दूध सप्लाई पर असर पड़ा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में इस वक्त 30 लाख लीटर दूध की कम सप्लाई हो रही है। इसी का फायदा यह माफिया उठा रहे हैं। जानकारों की मानें तो दूध में मिलावट कर और नकली दूध बनाकर सप्लाई की जा रही है।
माफिया ऐसे तैयार करते हैं नकली दूध
जानकारों की मानें तो नकली दूध बनाने के लिए रिफाइंड ऑयल और लिक्विड डिटर्जेंट का घोल तैयार किया जाता है। दूध में घी की मात्रा और आरएम वैल्यू बरकरार रखने के लिए केमिकल मिलाया जाता है। शुद्ध दूध की रिचर्ड मिशेल वैल्यू (आरएम) करीब 30 से 35 होनी चाहिए। कई बार केमिकल से बना दूध फैक्ट्रियों में खरीद के दौरान फैट और आरएम के मामले में शुद्ध दूध की तरह ही खरा उतरता है।
नकली दूध पानी में मिल्क पाउडर मिलाकर भी बनाया जाता है। इसमे मक्खन नहीं होता है। चिकनाई के लिए रिफाइंड ऑयल और शैंपू का इस्तेमाल किया जाता है। दूध में झाग बनाने के लिए वाशिंग पाउडर और दूध के सफेद रंग के लिए वाइट पेंट (सफेदा) मिलाया जाता है। दूध में मीठापन लाने के लिए ग्लूकोज डाला जाता है।
यूरिया का पता कैसे करें?
टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं।
पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं।
अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है।
वनस्पति की मिलावट कैसे पहचानें?
3 एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं।
एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट बाद लाल रंग हो जाएगा।
पानी की मिलावट कैसे पहचानें?
दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं।
अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है।
मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी।
सिंथेटिक दूध कैसे पहचानें?
सिंथेटिक दूध स्वाद में कड़वा लगता है।
उंगलियों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसा चिकनापन लगता है।
गर्म करने पर पीला पड़ जाता है।
अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग।
स्टार्च की पड़ताल कैसे करें?
आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं।
मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाएगा।
फॉर्मेलिन की मिलावट कैसे पकड़ें?
10 एमएल दूध में 5 एमएल सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं।
बैंगनी रंग की रिंग का बनना फॉर्मेलिन होने का संकेत है।
दूध लंबे समय तक ठीक रखने के लिए फॉर्मेलिन मिलाते हैं।
Leave a Reply