गुलाम नबी आजाद ने किया नई पार्टी का ऐलान, झंडे के तीन रंगों को लेकर कही ये बात

राहुल गांधी पर कांग्रेस को ‘बर्बाद’ करने का आरोप लगाकर महीनेभर पहले पार्टी छोड़ने वाले दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार (26 सितंबर) को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया। इसका नाम-डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा गया है। आजाद ने एक कार्यक्रम में पार्टी के नाम का ऐलान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी में कोई उम्र की सीमा नहीं होगी आजाद ने कहा-“मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते थे कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो।” आजाद रविवार सुबह तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। गांधी नगर स्थित अपने घर पर पत्रकारों से उन्होंने बातचीत भी की थी।

आजाद पार्टी’ के झंडे का किया अनावरण किया। उन्होंने बताया कि झंडे का मस्टर्ड कलर रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है। सफेद शांति को इंगित करता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को इंगित करता है।”

पिछले महीने कांग्रेस से 5 दशक से अधिक पुराना नाता तोड़ने वाले वयोवृद्ध कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी का ऐलान करने और जम्मू-कश्मीर रवाना होने से पहले दिल्ली में अपने आवास पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था, “मैं पार्टी के शुभारंभ से पहले कल (सोमवार) मीडिया को आमंत्रित कर रहा हूं। मैं यहां कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलने आया हूं।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा था कि “वह(आजाद) सीनियर्स और दूसरे पायदान के नेताओं के साथ दो अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं। आजाद 27 सितंबर को श्रीनगर का दौरा करेंगे। आजाद 25 और 26 सितंबर को जम्मू में रहेंगे, 27 अगस्त को वे श्रीनगर के दौरे पर जाएंगे। 28 अगस्त को दिल्ली रवाना होंगे।”

73 वर्षीय आजाद ने 26 अगस्त को पार्टी को व्यापक रूप से नष्ट(comprehensively destroyed) करार देते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने पार्टी के पूरे कंसल्टिव मैकेनिज्म को बर्बाद करने के लिए राहुल गांधी पर भी हमला किया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक प्रमुख नेताओं ने भी आजाद के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। आजाद ने कहा था कि उनकी पार्टी का शीर्ष एजेंडा जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कराना और निवासियों की भूमि और नौकरी के अधिकारों की रक्षा करना होगा।

इससे पहले कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 4 सितंबर को जम्मू में अपनी पहली रैली में आजाद ने अपनी संभावित पार्टी के एजेंडे को बताया था। इसके बाद के दिनों में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श किया था। आजाद ने अपनी रैली के दौरान कहा था कि वह कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों के लोगों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही अपनी पार्टी का नाम और उसके झंडे के बारे में फैसला करेंगे। आजाद ने कहा था-“मैं अपने लोगों से अपनी ताकत प्राप्त करता हूं, इसलिए वे फैसला करेंगे कि हमारी पार्टी का नाम क्या होगा और इसका झंडा कैसा दिखेगा? हमारी पार्टी और उसका झंडा दोनों ही ऐसा होगा, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोग आसानी से पहचान सकते हैं।”

 

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