अधिक मास में गिरिराज जी कमाएंगे पांच करोड़ रुपये, जमकर उमड़े श्रद्धालु

मथुरा। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में गोवर्धन के दो प्रमुख गिरिराज मंदिरों के चढ़ावे का ठेका चार करोड़ रुपये पहुंच गया है। जतीपुरा गिरिराज, लक्ष्मीनारायण मंदिर और हरगोकुल मंदिर की भेंट का ठेका भी महंगा हो गया है। इन मंदिरों पर चढ़ावे के रूप में आने वाली राशि का ठेका सेवायतों ने पांच करोड़ रुपये में लिया है।
गोवर्धन में अधिक मास मेला 16 मई से 15 जून तक होगा। यहां के प्रमुख गिरिराज दानघाटी मंदिर और मानसी गंगा के तट पर विराजमान मुकुट मुखारविंद मंदिर के आसपास अधिक मास का मेला विशेष होता है। मंदिरों में अधिक से अधिक भेंट पूजा की राशि की आस सभी सेवायतों ने लगा रखी है। गोवर्धन महाराज के सेवायतों को इस बार पांच करोड़ से अधिक कमाने होंगे। दानघाटी मंदिर कमाई के नाम पर पहले पायदान पर है। इस मंदिर का 51 दिन का ठेका दो करोड़ 21 लाख में उठा है।
चढ़ावे के मामले में मानसी गंगा का प्रसिद्ध मुकुट मुखारविंद मंदिर दूसरे पायदान पर है। इस मंदिर का 35 दिन का ठेका करीब एक करोड़ 71 लाख रुपये में उठा है। यानी इतनी रकम तो गिरिराज प्रभु के खाते में जानी ही है। उसके बाद नंबर आता है ठेका लेने वाले सेवायतों का, जो इतनी बड़ी रकम कमाई का अनुमान लगाकर जमा करते हैं और उसके बाद की बचत उनके खाते में जाती है।
जतीपुरा मुखारविंद मंदिर का ठेका 40 लाख का उठा है। यह ठेका 31 मई तक है, आगे के दिनों का ठेका 25 मई को उठेगा। लक्ष्मीनारायण मंदिर गिरिराजजी के खाते में 22 लाख का योगदान दे रहा है। हरगोकुल मंदिर का ठेका एक साल का उठ चुका है। यानी गिरिराजजी के खाते में करीब पांच करोड़ की रकम का इजाफा हो जाएगा।
कल से अधिक मास का शुभारंभ हो गया। मथुरा-वृंदावन के यमुना घाटों पर श्रद्धालुओं ने यमुना में डुबकी लगाकर मनौती मांगी। पहले दिन मंदिरों में ठाकुरजी के विशेष उत्सव आयोजित किए गए। द्वारिकाधीश मंदिर में चांदी के पालना का मनोरथ हुआ, जिसके दर्शन श्रद्धालुओं ने किए।
भक्तों के समूह गोवर्धन गिरिराज मंदिर पहुंचे। वहां मनोयोग से परिक्रमा की। गर्मी के बावजूद परिक्रमा मार्ग पर दिनभर मानव श्रृंखला बनी रही। वृंदावन पहुंचे श्रद्धालुओं ने पंचकोसीय परिक्रमा की। राधारमण, राधाबल्लभ समेत अन्य मंदिरों में भी भीड़ रही।

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