जम्मूकश्मीर: बारामुला जिले के दर्दपोरा गांव में भारी बर्फबारी होने के कारण एक गर्भवती महिला फंसी हुई थी। जिसकी अचानक तबियत बिगड़ गई। शमीमा नाम की इस महिला को अस्पताल में तत्काल भर्ती कराने की जरूरत थी। इस दौरान परिजनों की गुहार पर महिला को स्ट्रेचर पर लेकर 150 जवानों तथा 30 नागरिकों ने छह घंटे पैदल चलकर महिला को अस्पताल पहुंचाया। जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद महिला तथा उसके परिवारीजनों ने सेना को धन्यवाद दिया।
मंगलवार को शमीमा प्रसव पीड़ा से तड़पने लगी। बर्फबारी के कारण आसपास के सारे रास्ते बंद हो थे। ऐसे में उसे घर से बाहर ले जाना काफी मुश्किल था। परिवार के लोगों ने सेना से मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद सेना के 150 जवानों तथा 30 नागरिकों ने उसे स्ट्रेचर पर लेकर बटालियन हेडक्वार्टर अपलोना तक का साढ़े चार किलोमीटर का रास्ता तय किया।
आपको बता दें कि सेना के जवान किस तरीके से महिला को अस्पताल लेकर गये थे। एक पार्टी जो कि रास्ते भर बर्फ हटाकर रास्ता बना रही थी। क्यूंकि ऐसे में जरा भी पैर फिसलता तो महिला की जान को खतरा हो सकता था। अपलोना में महिला का मेडिकल चेकअप तथा आवश्यक दवाएं देने के बाद उसे सेना की एंबुलेंस से बारामुला जिला अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने सुरक्षित प्रसव कराया। इस दौरान जवान अस्पताल के बाहर मौजूद रहे ताकि आपात स्थिति में मदद की जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सेना की बहादुरी की मिसाल दी। उन्होंने लिखा कि हमारी सेना को उसकी वीरता, प्रोफेशनलिज्म और मानवता के लिए जाना जाता है। जब भी लोगों को जरूरत होती है, हमारी सेना हरसंभव मदद करती है। हमारी सेना पर गर्व है। उन्होंने शमीमा और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
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