प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जून को उत्तर प्रदेश के एक करोड़ मजदूरों व श्रमिकों को रोजगार देने की शुरुआत करेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना की शुरुआत होगी। प्रधानमंत्री इस दौरान कुछ मजदूरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत भी करेंगे। ग्राम्य विकास विभाग और पंचायती राज विभाग को इसके तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री सोमवार को भी इस संबंध में तैयारियों की समीक्षा बैठक करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने रोजगार की दिशा में की पहल
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यूपी के श्रमिकों और मजदूरों को दूसरे राज्यों में काम की तलाश में न जाना पड़े। इसलिए यूपी लौटे प्रवासी और श्रमिकों के साथ यहां रहने वालों को रोजगार की यथसंभव व्यवस्था कराना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को रोजगार देने के संबंध में बैठक कर ग्राम्य विकास विभाग और पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी है। मजदूरों को रोजगार देने के लिए चिह्नित करने, उनका ब्यौरा जुटाने के साथ प्रधानमंत्री से बातचीत करने वाले मजदूरों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी निभाने को कहा गया है।
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मनरेगा व एमएसएमई में सर्वाधिक रोजगार
मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक करोड़ श्रमिकों व मजदूरों को रोजगार देने की दिशा में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मनरेगा और एमएसएमई में सर्वाधिक रोजगार दिए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार की अन्य योजनाओं में भी रोजगार दिए जाएंगे। किस सेक्टर में कितने लोगों को रोजगार दिया जाएगा इसका ब्यौरा अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग व पंचायती राज अन्य विभागों से समन्वय करके तैयार करेंगे। इसके बाद वह मुख्यमंत्री को इसकी पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी भी जाएगी कि किस सेक्टर में कितनों को रोजगार दिया गया है।
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