गोरखपुर में पांचवीं में पढ़ने वाले बच्चे के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि इस अपहरण की प्लानिंग करीब 15 दिनों से चल रही थी. अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के लिए सबसे पहले सिम कार्ड की व्यवस्था की. अपहरणकर्ताओं ने एक दुकानदार रिंकू गुप्ता की मदद से फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लिया.
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पुलिस के मुताबिक, सिम कार्ड लेने लेने में निलेश पासवान नाम के युवक से मदद ली थी गई थी. इसके बाद रविवार को दोपहर 12 बजे बच्चा बलराम गुप्ता लापता हुआ था और महज एक घंटे बाद यानी एक बजे ही उसके पिता के मोबाइल पर अभियुक्तों ने फोन किया, लेकिन फोन लड़की ने उठाया लिहाजा बात नहीं हो पाई.
दोपहर 3 बजे निखिल भारती, बच्चे बलराम को लेकर अजय गुप्ता के दुकान पर पहुंचा. यहां पर उसे इंजेक्शन देकर बेहोश किया गया. 3 बजकर 5 मिनट पर अपहर्ताओं ने दोबारा कॉल किया और एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी. इसके पांच मिनट बाद यानी 3 बजकर 10 मिनट पर अपहर्ताओं ने फिर कॉल किया और फिरौती की रकम को दोहराते हुए धमकी दी.
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शाम 4 बजकर 30 मिनट पर अपहृत बच्चे बलराम के पिता महाजन ने पुलिस को डॉयल 112 पर सूचना दी. शाम पांच बजे पुलिस, महाजन के घर पहुंची और पूछताछ के बाद बच्चे की तलाश शुरू हुई. रात 9 बजे अपहर्ताओं ने आखिरी कॉल किया और बच्चे के पिता महाजन 20 लाख रुपये देने को तैयार हुए.
रात 10 बजे पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें एक दुकानदार भी था. दूसरे दिन यानी 27 जुलाई को पुलिस ने दयानंद को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू हुई. दोपहर तीन बजे दयानंद ने बलराम की हत्या की जानकारी दी. शाम 4 बजकर 30 मिनट पर दयानंद की निशानदेही पर बलराम का शव बरामद हुआ.
बच्चे बलराम की हत्या की खबर सुनकर परिवार में मातम पसर गया. पुलिस ने लाश को बरामद करने के आधे घंटे बाद यानी 5 बजे निखिल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. रात 9 बजकर 30 मिनट पर एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने प्रेस वार्ता करके अपहरण और हत्या का खुलासा किया.
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