सरकार का बड़ा फैसला: सोशल साइट और ऐप से नहीं चुरा पाएगा आपकी किसी भी प्रकार की निजी जानकारी, ये है खास बात

CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी मिली. अब इसे अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. आपको बता दें कि इस बिल में सोशल साइट और ऐप पर आपकी निजी जानकारी को सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है.

नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए डेटा प्रोटेक्शन बिल (Data Protection Bill) को मंजूरी दे दी है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को मंजूरी मिली. अब इसे अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. आपको बता दें कि इस बिल में सोशल साइट और ऐप पर आपकी निजी जानकारी को सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है. पिछले दिनों वॉट्सऐप (Whatsapp) पर डेटा की सुरक्षा में लगी सेंध के बाद सरकार और सतर्क हो गई है. इस मामले को लेकर बवाल मचा था. तब आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार निजता को गंभीरता से लेती है और सूचना की गोपनीयता इसी का हिस्सा है.

डेटा प्रोटेक्शन बिल (Data Protection Bill ) में क्या है खास
 

  • बिल का जो मसौदा सरकार ने अपने वेबसाइट पर डाला था उसके मुताबिक़ आम लोगों के निजी डेटा के सही और पारदर्शी इस्तेमाल की ज़िम्मेदारी सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों पर सौंपी गई है, जो डेटा का इस्तेमाल करने वाले हैं.
  • उपभोक्ता की बिना जानकारी या चोरी करके उसके डेटा का इस्तेमाल करना अब दोनों ही तरह की एजेंसियों को भारी पड़ने वाला है. बिल में ऐसी हरकत के लिए ऐसा करने वाली एजेंसियों पर 15 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है.
  • डेटा का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए बिल में एक डेटा सुरक्षा प्राधिकरण (Data Protection Authority) बनाने का प्रावधान किया गया है.
  • बिल में डेटा प्रोटेक्शन से संबंधित तमाम देशों से जुड़े कानूनों की समीक्षा कर एक नया कानून बनाया गया है. खासकर यूरोप के डेटा प्रोटेक्शन कानून से कई इनपुट लिए गए हैं.
  • इसमें सबसे अधिक फोकस डेटा को साझा करने में लोगों की सहमति लेने पर दिया है. इसके लिए कई प्रावधान बनाए गए हैं और सख्त रूप से कहा गया है कि बिना अनुमति किसी की तरह का डेटा लेना या उसे साझा करना कानूनन अपराध होगा.
  • जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने बीते वर्ष अपनी सिफारिशों के साथ डेटा प्रोटेक्शन कानून का मसौदा भी सरकार को सौंपा था.
  • बाद में सरकार ने इसे सार्वजनिक चर्चा के लिए जारी कर इसमें संशोधन किये. अब इसके मसौदे को कैबिनेट की अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है.

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