गांधीनगर। कोरोना वायरस एक बार फिर कहर बरपा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि कोविड-19 मरने वालों को रीति रिवाजों और समय पर अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हो रहा है. ऐसे ही हाल गुजरात के हैं। यहां मौत का आंकड़ा इतना ज्यादा है श्मशान घाट पर अंतिम क्रिया मुश्किल से हो पा रही है। आलम यह है कि लगातार हो रहे दाह संस्कार के चलते श्मशान की भट्टियां, चिमनियां तक पिघल गई हैं. मजबूत माने जाने वाले लोहे के एंगल भी आकार बदल रहे हैं।
राज्य में सबसे बुरे हाल सूरत के हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शहर में तीन मुख्य श्मशान घाट हैं- रामनाथ घेला, अश्विनी कुमार और रामनाथ घेला. इन जगहों पर दिन भर दाह संस्कार प्रक्रिया जारी है। जिसकी वजह से भट्टियां तक पिघल गई हैं। यहां दिन भर शवों का आना लगा हुआ है। सरकारी वाहनों के अलावा अब निजी गाड़ियां भी लाशें लेकर श्मशान घाट पहुंच रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट् में बताया जा रहा है कि इस दौरान सबसे ज्यादा लाशें रामनाथ घेला पहुंच रही हैं. बताया जा रहा है कि यहां हर रोज 100 शव पहुंच रहे हैं। अब इतनी बड़ी संख्या में अंतिम क्रिया के लिए गैस भट्टियां 24 घंटे चालू रहती हैं। लगातार भट्टियां चलते रहने की वजह से ग्रिल पिघल रही है। वहीं, सूरत में बड़ी संख्या में जारी दाह संस्कार प्रक्रिया के बाद भी लोगों को परिजन की अंतिम क्रिया के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
www.covid19india.org के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 3 लाख 53 हजार 516 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 4 हजार 855 मरीजों की मौत हो चुकी है। राज्य का सर्वाधिक प्रभावित जिला अहमदाबाद है. यहां अब तक 84 हजार 832 मरीज मिल चुके हैं. इसके बाद सूरत का नंबर है, जहां 76 हजार 411 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. सूरत जिले में अब तक 1 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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