ज्ञानवापी मामला: आज जिला अदालत में होगी सुनवाई, फैसले पर टिकी सबकी निगाहें

यूपी के वाराणसी स्थिति ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी मामले में सोमवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी। इसका आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है यानी जिला जज की अदालत में सुनवाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी निगाहें जिला जज की अदालत में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं।

ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी के दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में सुनवाई होगी। जिला जज की अदालत में नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत वाद की पोषणीयता पर पहले सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाली मस्जिद पक्ष की दाखिल अर्जी पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने का जिला जज को आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को सुनवाई करते हुए मामले की जटिलता और संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था।

इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष (अंजुमन इंतजामिया मसाजिद) की ओर से दायर याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में मंदिर पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाए हैं। मुस्लिम पक्ष के मुताबिक 1991 प्लेसेस ऑफ वरिशप एक्ट के मुताबिक मंदिर पक्ष के मुकदमे का आधार ही नहीं बनता। सुप्रीम कोर्ट ने जिला जल की अदालत को ज्ञानवापी मस्जिद और मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई आठ हफ्ते में पूरा करने का निर्देश दिया है।

बीते 18 अगस्त 2021 को नई दिल्ली निवासिनी राखी सिंह एवं बनारस की चार महिलाओं लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, मंजू व्यास और सीता साहू ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने एवं परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं की विग्रहों को सुरक्षित रखने की मांग करते हुए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दायर किया था। वादी पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया।

 

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