यूनिक समय, हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच जारी रहेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली या अन्य राज्य में ट्रान्सफर करने पर सुनवाई बाद में करने की बात कही है। बता दें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में तीन बिंदुओं पर आज सुनवाई हुई। याचिका में में सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट से हो या फिर हाईकोर्ट से यह मांग की गई थी। इसके साथ ही गवाहों और पीड़ित परिवार की सुरक्षा और केस को दिल्ली ट्रान्सफर करने की मांग की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पीड़िता के परिवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ट्रायल ट्रांसफर पर होगा विचार
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि जब मामले की जांच पूरी हो जाएगी उसके बाद ट्रायल बाहर ट्रांसफर करने पर विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभी इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, ऐसे में तुरंत ट्रांसफर की जरूरत नहीं है अन्य सभी चीज़ों पर हाईकोर्ट भी अपनी नजर बनाए हुए है। लिहाजा हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच
गवाहों और पीड़िता के परिवार की सुरक्षा पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने यूपी सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे को स्वीकार किया, जिसमें प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि पीड़िता के परिवार, केस से जुड़े गवाहों को पुख्ता सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। गौरतलब है कि कार्यकर्ताओं तथा वकीलों की ओर से दायर की गई इस जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की जाए। साथ ही मामले को दिल्ली ट्रांसफर किया जाए। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि कथित तौर पर जांच बाधित की गयी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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