लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अपने बागी विधायकों अदिति सिंह और राकेश सिंह की सदस्यता खत्म करने की मांग को लेकर अब हाईकोर्ट का रुख करेगी. विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित की ओर से कांग्रेस की याचिकाएं खारिज किए जाने के बाद पार्टी ने ये फैसला लिया है. कांग्रेस ने अपने दोनों बागी विधायकों की सदस्यता खारिज करने की मांग की थी.
सचिन पायलट पर बरसे अशोक गहलोत, कहा- हॉर्स ट्रेडिंग का हिस्सा बने,,,
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने बताया कि दिल्ली में पार्टी का विधिक प्रकोष्ठ बागी विधायकों अदिति सिंह और राकेश सिंह की सदस्यता समाप्त करने संबंधी पार्टी की याचिका को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि इन दोनों विधायकों की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का पर्याप्त आधार मौजूद है और कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित के सामने वे आधार पेश भी किए थे.
पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
उन्होंने आगे कहा कि विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगातार लिप्त हैं. इन दोनों विधायकों का आचरण यह दिखाता है कि वे अपनी मर्जी से विधानसभा की सदस्यता छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रायबरेली से विधायक अदिति ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर पिछले साल दो अक्टूबर को हुए विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था. अदिति का कहना था कि उन्हें व्हिप नहीं मिला. अगर ऐसा था तो जब वह विधानसभा पहुंची थीं तब उन्हें पूरी तरह मालूम हो गया था कि संपूर्ण विपक्ष ने उस सत्र का बहिष्कार किया है. मगर इसके बावजूद उन्होंने चार घंटे तक न सिर्फ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया बल्कि सदन को संबोधित करते हुए सरकार की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि अदिति ने बाद में कई ऐसी चीजें ट्वीट की जो पार्टी के प्रति निंदाकारी हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है एक खास जादू की पुड़िया, विरोधी हो जाते हैं बेबस!
राकेश सिंह पर भी पार्टी के खिलाफ बयान देने के आरोप
आराधना मिश्रा ने आगे बताया कि हरचंदपुर सीट से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह भी अनेक मौकों पर सार्वजनिक रूप से कांग्रेस के खिलाफ बयान दे चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हवन कार्यक्रम भी आयोजित किया था.
गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने बीते सोमवार को अदिति सिंह और राकेश सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने संबंधी कांग्रेस की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इनका कोई पर्याप्त आधार नहीं है.
Leave a Reply