नई दिल्ली। भोपाल सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही प्रज्ञा ठाकुर ने पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे लेकर विवादित बयान दिया है जिसको लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान पर पीएम मोदी से मांफी की मांग की है। उन्होंने कहा आखिरकार ये साबित हो ही गया कि पाकिस्तान के अजमल कसाब के दोस्त भाजपाई ही निकले। भाजपा का चेहरा उजागर हो गया, जिस जांबाज़ सैनिक ने भारत माँ के लिए कुर्बानी दी डाली उन्हें ही मोदीजी की चहेती ने देशद्रोही करार दे डाला।
सुरजेवाला ने कहा कि सारी हदें पार कर गईं जब हेमंत करकरेजी को रावण और राक्षस की संज्ञा दी डाली गई। उनके पूरे वंश का नाश करने की घोषणा तालियों की गड़गड़ाहट के साथ की गई। उन्होंने कहा कि जिस हेमंत करकरे ने अजमल कसाब को पकड़ लाये, भले ही उनको अपनी कुर्बानी देनी पड़ी, उन्हें ऐसा कहा जा रहा है। सुरेजवाला ने कहा कि अपनी चहेती प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर मोदीजी को देश से माफी मांगनी चाहिए। और साथ ही प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की जानी चाहिए।
जानिए क्या कहा था प्रज्ञा ठाकुर ने
बता दें कि भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा है कि पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा था। भोपाल में मीडिया से बात करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने अपने ऊपर प्रताड़ना के कई आरोप लगाए थे। साध्वी ने कहा, ‘मैंने कहा तेरा (मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे) सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगा है, जिस दिन मैं गई थी उस दिन उसे सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में आतंकवादियों ने उसको मारा और उसका अंत हो गया।’
बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच हेमंत करकरे कर रहे थे। वहीं 2008 में हुए 26/11 मुंबई आंतकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। आंतकियों से मुकाबला करते हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे समेत कुल 17 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे। साध्वी प्रज्ञा का भोपाल में मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से है।
साध्वी की उम्मीदवारी को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले तहसीन पूनावाला ने उनकी ज़मानत रद्द करने की अपील की और अब मालेगांव धमाके के पीड़ित के पिता ने NIA की कोर्ट में याचिका दायर कर उनकी ज़मानत पर सवाल उठा दिए हैं। एनआईए कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत दी थी, तो ऐसे में वह भोपाल से लोकसभा का चुनाव कैसे लड़ सकती हैं।
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