पंजाब के हुसैनीवाला सेक्टर में बीएसएफ जवानों ने सोमवार रात को 10 से 10:40 बजे के बीच पाकिस्तान की ओर से आए ड्रोन को देखा.
नई दिल्ली. पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ साजिश रचने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. कुछ दिन पहले ड्रोन के जरिये भारतीय सीमा में घुसकर पंजाब में गिराए गए हथियारों के बाद अब उसकी ओर से फिर एक ड्रोन भेजा गया है. पाकिस्तान की ओर से आए इस ड्रोन को सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों ने पंजाब के हुसैनीवाला सेक्टर में सोमवार रात को देखा. इसके बाद पंजाब पुलिस के साथ मिलकर उसकी तलाश में अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं.
बीएसएफ जवानों ने देखा ड्रोन
पंजाब के हुसैनीवाला सेक्टर में बीएसएफ जवानों ने सोमवार रात को 10 से 10:40 बजे के बीच पाकिस्तान की ओर से आए ड्रोन को देखा. सूत्रों ने बताया कि भारतीय सीमा पर इस ड्रोन को 4 बार पाकिस्तान की ओर और एक बार भारत की ओर देखा गया. यह भारतीय सीमा पर करीब 1 किमी अंदर तक घुसा. सूत्रों के अनुसार ड्रोन देखे जाने के तुरंत बाद सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों ने वरिष्ठ अफसरों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद पंजाब पुलिस को इसकी जानकारी दी गई है. साथ ही ड्रोन की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, जो अभी भी जारी है.
पाक ने ड्रोन से भेजे थे हथियार
बता दें पिछले दिनों पंजाब पुलिस की ओर से कहा गया था कि तरनतारन में हाई लिफ्टिंग ड्रोन के जरिये पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिये एके 47, गोलियां, सैटेलाइट फोन, ग्रेनेड और नकली करंसी भारतीय सीमा पर गिराई गई थीं. सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि यह हथियार और अन्य सामान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ड्रोन के जरिये भेजे थे. इनका मकसद पंजाब में 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की योजना थी. सूत्रों के अनुसार इन ड्रोन में जीपीएस भी लगे थे. ऐसी आशंका जताई गई थी कि हथियार और गोला-बारूद भेजने में 8 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.
सितंबर में बरामद हुए थे ड्रोन
इससे पहले सितंबर के आखिर में पंजाब सरकार ने बताया था कि उसने दो पाकिस्तानी ड्रोन बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल सीमा पार से हथियारों को यहां पहुंचाने के लिए किया गया था. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया था कि एक ड्रोन पिछले महीने बरामद किया गया था जबकि दूसरा तरनतारन के झाबल कस्बे से जली हुई हालत में बरामद हुआ.
चीन की कंपनी ने किया ड्रोन का निर्माण
प्रवक्ता ने बताया था कि जांच में पाया गया कि बरामद ड्रोन का मॉडल ‘यू10 केवी100-यू’ था और इसका डिजाइन और निर्माण चीनी कंपनी टी मोटर्स ने किया था. इसमें ईंट के आकार की चार बैटरियां भी लगी हुईं मिलीं. जांच में सामने आया कि इस तरह के हेक्साकॉप्टर ड्रोन में 21 किलोग्राम की पेलोड क्षमता होती है और ये अलग-अलग पुर्जों को जोड़कर बनाया गया हो सकता है. बाद में इसकी तकनीकी जांच करने पर पाया गया कि क्रैश लैंडिंग की वजह से 20 से 25 किलोग्राम का यह ड्रोन क्षतिग्रस्त हो गया था.
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