हिमाचल प्रदेश: किन्नौर में दरका पहाड़, मलबे में 50 लोगों के दबे होने की आशंका

किन्नौर। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निगुलसेरी में नेशनल हाईवे-5 पर चील जंगल के पास चट्टानें गिरने से बड़ा हादसा हो गया है। इस हादसे में एचआरटीसी बस की चपेट में आने की सूचना है। बताया जा रहा है कि चट्टानें गिरने से एचआरटीसी बस मलबे में दब गई है। किन्नौर जिले में मूरंग-हरिद्वार रूट की यह बस है. वहीं, चट्टानें गिरने से कई वाहन मलबे में दब गए हैं। सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर रवाना हो गई है। जबकि एनडीआरएफ और सेना को भी बुलाया गया है।

प्रशासनिक जानकारी के अनुसार, बस के ड्राइ‌वर ने हादसे के बाद घटना स्थल से जानकारी दी है कि बस में 35 से 40 लोग सवार थे। किन्नौर के भावानगर के पास यह घटना हुई है। बस सड़क से दूर दूर तक नहीं दिख रही है। वहीं, मलबे में करीब 50 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है, क्‍योंकि इस हादसे का शिकार कई अन्‍य वाहन भी हुए हैं।

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भावानगर उपमंडल में बड़ा हादसा हुआ है.ज्यूरी रोड पर निगोसारी और चौरा के बीच में अचानक एक बड़ा पहाड़ दरक गया है, जिसमें एक एचआरटीसी की बस और कुछ ट्रक वह हल्के वाहन दब गए हैं जिनमें कई लोग सवार थे। ऐसे में बड़े पैमाने पर जान हानि होने का अनुमान लगाया जा रहा है। एसडीएम भावानगर मनमोहन सिंह ने बताया कि यह घटना लगभग 12:45 बजे की है। उन्हें जैसे ही सूचना मिली है तो मौके के लिए बस राहत एवं बचाव कार्य की एक टीम रवाना कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बसों में भी कई लोगों के सवार होने की सूचना है जिन सभी के लैंडस्लाइड में दबे जाने की खबर आ रही है जो कि बेहद दुखद है. अभी तक मौके पर पत्थर लगातार गिर रहे हैं जिससे कि राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने में भी प्रशासन एवं पुलिस को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

शिमला में विधानसभा के परिसर के बाहर सीएम जयराम ठाकुर ने घटना की पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ जानकारी मिली है. बस के अलावा कुछ गाड़ियां भी दबीं हैं।

किन्नौर में पहले भी हो चुका है हादसा
बता दें कि इससे पहले किन्नौर के सांगला-छितकूल मार्ग पर 25 जुलाई को बड़ा लैंडस्लाइड हुआ था.यहां पहाड़ से पत्थर गिरने से एक टूरिस्ट वाहन चपेट में आ गया था। इसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि तीन लोग घायल हो गए थे. बता दें कि हिमाचल में भारी बारिश के चलते लगातार भूस्खलन हो रहा है।

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