बसंत पंचमी पर मंदिरों की नगरी में बसंत पंचमी पर इंद्रधुनषी छटा दिखाई दी। ठा. बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी की ओर से उड़ाए गए प्रसादी अबीर गुलाल के साथ ब्रज में होली महोत्सव की शुरुआत हो गई।
मंदिर में श्रंगार आरती के बाद जैसी ही सेवायत गोस्वामियों ने ठाकुरजी के प्रसादी गुलाल को श्रद्धालुओं पर उड़ाया तो पूरा मंदिर परिसर अबीर गुलाल की ऐसी इंद्रधनुषी छटा में रंग गया। मंदिर परिसर बांकेबिहारी लाल के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।होली के रंग सराबोर भक्त आज बिरज में होली रे रसिया… का गायन करने लगे।
बता दें कि इस दिन ही होलिका दहन के लिए तिराहा-चौराहा या होलिका दहन स्थल पर होली का डंडा गाढ़ा जाता है। साथ ही ब्रज के ग्रामीण इलाकों और मंदिरों में होली की परम्परा शुरु हो जाती है। होली का यह क्रम 40 दिन तक अनवरत रुप से जारी रहेगा।
मंदिर में उड़ रहे प्रसादी गुलाल के रंग में रंगे भक्त लाल, पीले, हरे और गुलाबी रंग में सराबोर हो अपने आप को धन्य अनुभव कर रहे थे। वहीं भक्त अपने आराध्य ठाकुर को सरसों के बसंती फूलों की माला और पुष्प अर्पित कर रहे थे। पूरा मंदिर परिसर अबीर रंग के रंग में रंगा नजर आ रहा था।
वहीं ठा. राधासनेहबिहारी मंदिर में प्रात: ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कराया गया। बसंती पोशाक धारण कर ठाकुरजी ने भक्तों को दर्शन दिए तथा सेवायत अतुलकृष्ण गोस्वामी द्वारा भक्तों पर ठाकुरजी का प्रसादी अबीर गुलाल उड़ाया। वहीं राधाबल्लभ मंदिर, राधारमण मंदिर, निधिवन राज मंदिर, सेवाकुंज मंदिर, राधादामोदर मंदिर एवं राधाश्यामसुंदर मंदिर समेत नगर के अन्य मंदिरों में होली की धूम शुरु हो गई।
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