सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच कैसे शुरू हुआ विवाद, सिद्धू के खिलाफ अब मंत्रियों ने भी खोला मोर्चा

मंत्री नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद क्यों, कहां से और कैसे शुरू हुआ, इस पता चला गया है। वहीं दोनों के बीच की तल्खी अब खुलकर सामने भी आ गई है। नवजोत सिद्धू ने एक बार फिर विरोध का मोर्चा खोल दिया है और इस बार उनका टारगेट हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह, जिन पर वह लगातार तंज कस रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच मतभेद पिछले साल अगस्त में सामने आए थे, जब सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गए थे। वहां उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाया। इस पर कैप्टन ने नाखुशी जाहिर की थी। इस घटना के कुछ महीनों बाद सिद्धू ने फिर एक बयान में कहा कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ही उनके कैप्टन हैं और अमरिंदर सिंह तो सेना के कैप्टन रहे हैं।

इसके बाद पिछले सप्ताह सिद्धू की पत्नी ने आरोप लगाया कि कैप्टन और पंजाब मामलों की पार्टी प्रभारी आशा कुमारी के कहने पर उनका टिकट काटा गया है। इस पर सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी झूठ नहीं बोलतीं। फिर 17 मई को सिद्धू ने राज्य में कांग्रेस सरकार को धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मुद्दे पर घेरते हुए सवाल किया था कि 2015 की बेअदबी और गोलीबारी की घटनाओं के संबंध में बादल के खिलाफ कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई? क्या कोई फ्रेंडली मैच चल रहा है। बठिंडा में कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के पक्ष में प्रचार कर रहे सिद्धू ने यहां तक कहा था कि अगर 2015 की बेअदबी की घटनाओं पर कार्रवाई नहीं होती है तो वे इस्तीफा दे देंगे।

सिद्धू के खिलाफ अब मंत्रियों ने भी खोला मोर्चा

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मुखर होने के बाद पंजाब के मंत्रियों ने भी सिद्धू के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और सुखजिंदर सिंह रंधावा के बाद वन मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने सोमवार को कहा कि सिद्धू अगर कैप्टन के साथ काम नहीं कर सकते तो उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए।

कैप्टन ने रविवार को सिद्धृ के आरोपों पर कहा था कि सिद्धू महत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। उनकी बयानबाजी से पार्टी को नुकसान हो रहा है। उन्हें पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए। इसके अगले दिन धर्मसोत ने कहा कि सिद्धू की हालिया टिप्पणी पार्टी अनुशासन के खिलाफ है और पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।

सिद्धू की टिप्पणी ऐसे समय में आई, जब पूरी कांग्रेस एकजुट होकर यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही है कि पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करे। पार्टी आलाकमान को उनकी टिप्पणियों पर ध्यान देना चाहिए। अगर सिद्धू को लगता है कि वह कैप्टन अमरिंदर जी के साथ काम नहीं कर सकते, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सिद्धू की महत्वाकांक्षाएं बहुत अधिक हैं और वे जहां भी जाते हैं, वहां संतुष्ट नहीं रहते हैं। जब वह भाजपा में थे, तब वे वहां संतुष्ट नहीं थे। आज वह मुख्यमंत्री पद पर नजरें गड़ाए हुए हैं, कल प्रधानमंत्री की कुर्सी भी उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकती। इसलिए, वह जहां भी जाते हैं, उनके साथ समस्याएं रहती हैं।

मंत्री विज की सिद्धू को सलाह, अब इमरान की पार्टी कर लें ज्वॉइन

हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू पर निशाना साधा है।  हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू सभी पार्टियों से अपमानित हो चुके हैं, उनके पास अब एक ही विकल्प बचा है कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी में शामिल हो जाएं। विज ने कहा सिद्धू को उनकी पार्टी के नेता भी अब उन्हें पार्टी से निकाले जाने की वकालत करने लगे हैं।

पंजाब कांग्रेस के बीच चल रही आपसी जंग पर कटाक्ष करते हुए विज ने कहा कि वैसे भी नवजोत सिद्धू के इमरान खान के साथ अच्छे संबंध हैं और वे पाकिस्तान जाकर इमरान खान की भाषा बोलने के साथ साथ उनके साथ गलबहियां डालते हैं । नवजोत सिद्धू को कांग्रेस से निकालने के बाद भाजपा में शामिल किए जाने की संभावनाओं पर सवाल पर विज बोले नवजोत सिद्धू किसी पार्टी के काबिल नहीं, लिहाजा उन्हें इमरान खान की पार्टी ही चुन लेनी चाहिए।

देश भर की विभिन्न एजंसियों द्वारा एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा को मिल रहे जनसमर्थन पर विपक्षी पार्टियों द्वारा फिर से ईवीएम को लेकर शोर मचाने पर भी विज ने तंज कसा और कहा कि हार के बहाने ढूंढने के लिए विपक्षी पार्टियां अब गूगल में नए नए बहाने ढूंढ रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी नैया डूब चुकी है।

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